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आरबीआई की केंद्रीय निदेशक मंडल की 605वीं बैठक संपन्न

भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की 605 वीं बैठक आज केवड़िया के एकता नगर में हुई। निदेशक मंडल ने गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में वैश्विक भू-राजनीतिक विकास से उत्पन्न चुनौतियों सहित आर्थिक और वित्तीय परिदृश्य की समीक्षा की। इस दौरान, कुछ केंद्रीय विभागों की गतिविधियों और भारत में बैंकिंग की प्रवृत्ति तथा इसकी प्रगति के लिए जारी होने वाली मसौदा रिपोर्ट पर भी विचार-विमर्श किया गया।

बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर डॉ. माइकल देबब्रत पात्रा, एम. राजेश्वर राव, टी. रबी शंकर, स्वामीनाथन जे. और केंद्रीय बोर्ड के अन्य निदेशक सतीश के. मराठे, रेवती अय्यर, आनंद महिंद्रा और डॉ. रवींद्र एच. ढोलकिया शामिल हुए। आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ भी इस दौरान उपस्थित थे।

 

I. व्यापक आर्थिक और वित्तीय समीक्षा

  • बोर्ड ने वैश्विक और घरेलू स्तर पर आर्थिक और वित्तीय स्थितियों की जांच की।
  • चल रहे भू-राजनीतिक बदलावों से उत्पन्न होने वाली जटिल चुनौतियों पर विशेष ध्यान दिया गया।

 

II. केंद्रीय कार्यालय विभागों की गतिविधियों का अन्वेषण

  • चुनिंदा केंद्रीय कार्यालय विभागों की गतिविधियों के संबंध में गहन चर्चा हुई।
  • व्यापक समझ सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड ने विभिन्न विभागों की बारीकियों पर गहराई से विचार किया।

 

III. बैंकिंग रुझानों पर मसौदा रिपोर्ट का अनावरण (2022-23)

  • मुख्य आकर्षण में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए भारत में बैंकिंग के रुझान और प्रगति पर प्रकाश डालते हुए मसौदा रिपोर्ट पर चर्चा शामिल थी।
  • संपूर्ण परीक्षा में बैंकिंग क्षेत्र के प्रक्षेप पथ और विकास के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करने का प्रयास किया गया।

 

IV. केंद्रीय बोर्ड की बैठक में उपस्थित गणमान्य लोग

  • केंद्रीय बोर्ड के निदेशकों, अर्थात् सतीश के मराठे, रेवती अय्यर, आनंद गोपाल महिंद्रा और रवींद्र एच ढोलकिया ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
  • आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ के साथ आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा, एम राजेश्वर राव, टी रबी शंकर और स्वामीनाथन जे जैसी प्रमुख हस्तियों ने विचार-विमर्श में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

 

FAQs

605वीं आरबीआई बोर्ड बैठक का फोकस क्या था?

गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हुई बैठक में वैश्विक और घरेलू आर्थिक और वित्तीय परिदृश्यों की समीक्षा, भू-राजनीतिक विकास की चुनौतियों का समाधान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

vikash

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