भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI), बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) और चार ASEAN देशों के केंद्रीय बैंकों के साथ मिलकर प्रोजेक्ट नेक्सस पर काम कर रहा है। यह एक बहुपक्षीय पहल है जिसका उद्देश्य कुशल, तेज़ और किफायती खुदरा सीमा पार भुगतानों को सक्षम बनाना है। इस प्लेटफॉर्म के 2026 तक लाइव होने की उम्मीद है और यह मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और भारत की घरेलू तेज़ भुगतान प्रणालियों (FPS) को आपस में जोड़ेगा।
इस प्रभाव के लिए एक समझौते पर 30 जून, 2024 को बेसल, स्विट्जरलैंड में बीआईएस और संस्थापक देशों के केंद्रीय बैंकों—बैंक नेगारा मलेशिया (बीएनएम), बैंक ऑफ थाईलैंड (BOT), बंगको सेंट्रल नग पिलिपिनास (BSP), सिंगापुर की मौद्रिक प्राधिकरण (MAS) और भारतीय रिजर्व बैंक—द्वारा हस्ताक्षर किए गए। इंडोनेशिया एक विशेष पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होगा।
प्रोजेक्ट नेक्सस का उद्देश्य खुदरा सीमा पार भुगतानों को अधिक कुशल, तेज और लागत प्रभावी बनाना है। भविष्य में मंच को और अधिक देशों में विस्तारित किए जाने की उम्मीद है।
भारत अपने स्वदेशी तेज़ भुगतान प्रणाली, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI), को सीमा पार व्यक्ति-से-व्यक्ति (P2P) और व्यक्ति-से-व्यापारी (P2M) भुगतानों के लिए बढ़ावा दे रहा है। मॉरीशस, सिंगापुर, नेपाल और श्रीलंका जैसे देश UPI भुगतानों को स्वीकार करते हैं। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) अंतर्राष्ट्रीय भुगतानों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और फ्रांस, श्रीलंका, सिंगापुर और मॉरीशस जैसे बाजारों में प्रवेश कर रहा है।
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