RBI ने अपनी बैंकिंग शाखा, IDFC फर्स्ट बैंक के साथ IDFC लिमिटेड के रिवर्स विलय को मंजूरी दे दी है। इस रणनीतिक कदम में एक समग्र योजना शामिल है, जो नियामक मंजूरी के अधीन है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी बैंकिंग सहायक कंपनी IDFC फर्स्ट बैंक के साथ IDFC लिमिटेड के रिवर्स विलय को मंजूरी दे दी है। IDFC फर्स्ट बैंक और आईडीएफसी के संबंधित बोर्ड ने पहले जुलाई में रिवर्स मर्जर को हरी झंडी दे दी थी।
प्रश्न: आईडीएफसी और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के संबंध में आरबीआई से हाल ही में क्या मंजूरी मिली है?
उत्तर: आरबीआई ने अपनी बैंकिंग सहायक कंपनी आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के साथ आईडीएफसी लिमिटेड के रिवर्स विलय के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।
प्रश्न: विलय की मुख्य प्रक्रिया क्या है?
उत्तर: आईडीएफसी फाइनेंशियल होल्डिंग कंपनी का पहले आईडीएफसी में विलय होगा, उसके बाद आईडीएफसी का आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में विलय होगा।
प्रश्न: शेयरधारकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर: प्रस्तावित रिवर्स विलय में, आईडीएफसी शेयरधारकों को बैंक में रखे गए प्रत्येक 100 शेयरों के लिए 155 शेयर प्राप्त होंगे।
प्रश्न: विलय आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की बुक वैल्यू को कैसे प्रभावित करेगा?
उत्तर: विलय के बाद, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का प्रति शेयर स्टैंडअलोन बुक वैल्यू 4.9% बढ़ जाएगा।
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