भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गैर-वित्तीय संस्थानों और गैर-विनियमित इकाइयों को आईडीबीआई बैंक में 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी देने के केंद्र के आग्रह को संभवत: स्वीकार कर लिया है। केंद्र रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया के जरिये इस बैंक में 51 से 74 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के बारे में विचार कर रहा है।
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मुख्य बिंदु
- केंद्र और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) दोनों आईडीबीआई बैंक में 51 से 74 फीसदी तक हिस्सेदारी बेच सकते हैं। इस बिक्री की वास्तविक मात्रा जल्द ही तय की जाएगी। केंद्र की आईडीबीआई बैंक में 45.48 फीसदी जबकि एलआईसी की 49.24 फीसदी हिस्सेदारी है।
- इस समय गैर-वित्तीय संस्थान 10 फीसदी और निजी इक्विटी कंपनियों जैसी गैर-विनयमित इकाइयां 15 फीसदी हिस्सेदारी रख सकती हैं, जबकि नियमित एवं सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू) को बैंकों में 40 फीसदी तक हिस्सेदारी रखने की मंजूरी है।
- आरबीआई 40 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी रखने की मंजूरी हर मामले के आधार पर देता है। केंद्रीय बैंक के अनुसार केंद्र के आग्रह पर गैर-विनियमित इकाइयों को आईडीबीआई बैंक में 40 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी रखने की मंजूरी देगा।
- गैर-विनियमित इकाइयों के लिए शेयरधारिता की सीमा 15 फीसदी है, लेकिन वे आरबीआई की मंजूरी मिलने पर किसी बैंक में 40 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी अधिग्रहीत कर सकती हैं।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:
- भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर: शक्तिकांत दास
- आईडीबीआई बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी: राकेश शर्मा