30-31 जुलाई को आयोजित राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन 2024 ने हिंदी में वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक प्रमुख सम्मेलन के रूप में अपनी परंपरा को जारी रखा। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-प्रगत पदार्थ एवं प्रक्रिया अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एएमपीआरआई), भोपाल द्वारा विज्ञान भारती मध्य भारत प्रांत, मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, मध्य प्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय, सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर) और अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय सहित विभिन्न संस्थानों के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम ने हिंदी में वैज्ञानिक कार्यों को प्रस्तुत करने और चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान किया।
सम्मेलन का उद्घाटन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया, जिन्होंने अपनी भाषा में ज्ञान और विज्ञान को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह सम्मेलन एक अंतरराष्ट्रीय आयोजन के रूप में विकसित होगा और हिंदी में ज्ञान और विज्ञान के संचार के माध्यम से वैश्विक मान्यता प्राप्त करने की क्षमता को रेखांकित किया।
सीएसआईआर-एएमपीआरआई के निदेशक अवनीश कुमार श्रीवास्तव ने हिंदी में विज्ञान और प्रौद्योगिकी अनुसंधान को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डाला और वैज्ञानिक समुदाय से सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित किया।
30 जुलाई को विज्ञान कवि गोष्ठी नामक विज्ञान कविता संगोष्ठी का उद्घाटन मध्य प्रदेश के संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने किया। इस कार्यक्रम में 12 प्रतिष्ठित विज्ञान कवि शामिल हुए, जिन्होंने विज्ञान संचार के लिए हिंदी का प्रयोग किया।
31 जुलाई को समापन सत्र में मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ला ने भाग लिया। इस सत्र में विभिन्न विश्वविद्यालयों और सीएसआईआर-एएमपीआरआई के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें भविष्य के सहयोग पर प्रकाश डाला गया। सम्मेलन में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, आयुर्वेद और विज्ञान संचार सहित विषयों पर छह विविध सत्र शामिल थे।
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