सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (सीएसआईआर-आईआईपी), देहरादून ने बौद्धिक संपदा (आईपी) के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए 29 मई को राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा महोत्सव (आरबीएसएम) 2025 मनाया। यह कार्यक्रम आज़ादी का अमृत महोत्सव पहल का हिस्सा है और नए विचारों और नवाचारों की सुरक्षा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए पहली बार जुलाई 2023 में शुरू किया गया था।
इस कार्यक्रम का आयोजन ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत किया गया, जिसका उद्देश्य बौद्धिक संपदा (Intellectual Property – IP) के महत्व को समझाना और नवाचारों (innovations) की सुरक्षा को बढ़ावा देना है। इसकी शुरुआत जुलाई 2023 में की गई थी।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई, जो ज्ञान और विद्या को समर्पित रही। इसके बाद डॉ. दीप्ति अग्रवाल, जो बौद्धिक संपदा प्रबंधन समूह (IPMG) की प्रभारी हैं, ने उद्घाटन भाषण दिया।
संस्थान के निदेशक डॉ. हरेंद्र सिंह बिष्ट ने सभी का स्वागत करते हुए आविष्कारों की सुरक्षा और नवाचार को प्रोत्साहित करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि नई सोच को संरक्षित करना देश के विकास की कुंजी है।
मुख्य वक्ता डॉ. कपिल आर्य (CSIR-Innovation Protection Unit, नई दिल्ली) ने “Feel the Beat of Intellectual Property Rights” विषय पर अत्यंत रोचक और सरल व्याख्यान दिया। उन्होंने पेटेंट (Patent) के मूल सिद्धांतों को स्पष्ट किया और बताया कि यह शोधकर्ताओं और आविष्कारकों के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं।
इसके बाद, उन्होंने वैज्ञानिकों और शोधार्थियों के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र भी किया।
डॉ. एन. विश्वनाथम, जो पेटेंट और प्रकाशन समिति (PPC) के अध्यक्ष हैं, ने समिति की भूमिका और CSIR-IIP द्वारा विकसित नवाचारों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे वर्षों में संस्थान ने तकनीकी क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभाई है।
कार्यक्रम में बौद्धिक संपदा पर आधारित एक ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता भी रखी गई। यह जानकारीपूर्ण और रोचक तरीके से प्रतिभागियों के ज्ञान को परखने का एक अच्छा माध्यम साबित हुआ।
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