भारत की पारंपरिक और जनजातीय कलाओं को राष्ट्रीय मंच देने के उद्देश्य से राष्ट्रपति भवन में एक विशेष सप्ताहभर चलने वाले Artists-in-Residence Programme, जिसे कला उत्सव भी कहा जाता है, का आयोजन किया गया है। इसमें प्रसिद्ध मधुबनी और गोंड कलाकार भाग ले रहे हैं। इस कार्यक्रम के तहत कलाकार राष्ट्रपति भवन में निवास करते हुए अपनी कलाकृतियों का प्रदर्शन करते हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 26 मई 2025 को इन कलाकारों से भेंट की और उनके कार्यों की सराहना की।
कला उत्सव 20 मई 2025 से राष्ट्रपति भवन में आरंभ हुआ।
26 मई 2025 को राष्ट्रपति मुर्मू ने कलाकारों से मुलाकात की और उनकी कलाकृतियाँ देखीं।
इसका उद्देश्य भारत की पारंपरिक और जनजातीय कलाओं को पहचान और संरक्षण देना है।
पारंपरिक, जनजातीय और लोक कला रूपों का संरक्षण और प्रचार।
स्थानीय कलाकारों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान देना।
दर्शकों में कलात्मक जागरूकता और आदान-प्रदान को बढ़ावा देना।
मधुबनी कलाकार (बिहार):
शांति देवी, अंबिका देवी, मनीषा झा, प्रीति कर्ण, रंजन पासवान, उर्मिला देवी, श्रवण पासवान, कुमारी नलीनी शाह, मोती कर्ण।
गोंड कलाकार (मध्य प्रदेश):
दुर्गाबाई व्याम, सुभाष व्याम, ननकुसिया श्याम, राम सिंह उर्वेटी, दिलीप श्याम, चंपकली, हीरामन उर्वेटी, जापानी श्याम धुर्वे।
▪️ मधुबनी कला:
बिहार के मिथिला क्षेत्र से उत्पन्न, यह चित्रकला प्राकृतिक रंगों, जटिल पैटर्न और पौराणिक विषयों के लिए प्रसिद्ध है।
▪️ गोंड कला:
मध्य प्रदेश के गोंड जनजातीय समुदाय द्वारा प्रचलित, यह कला प्रकृति, जीव-जंतु और लोककथाओं को बिंदुओं और रेखाओं के माध्यम से दर्शाती है।
सांस्कृतिक समावेशिता को बढ़ावा और पारंपरिक कलाकारों को आर्थिक व सामाजिक समर्थन।
राष्ट्रपति भवन को केवल सत्ता का केंद्र न मानकर सांस्कृतिक कूटनीति का मंच बनाना।
युवाओं में पारंपरिक कला के प्रति गर्व और संरक्षण की भावना उत्पन्न करना।
भारत की राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया ने एक बार फिर ट्रैवल + लीजर इंडिया…
भारत का राइड-हेलिंग बाजार जनवरी 2026 से एक बड़े बदलाव की ओर बढ़ने वाला है,…
भारत और सऊदी अरब ने अपने बढ़ते रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा…
भारत में कॉफी बागान एक वैश्विक रूप से महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि है, जो जैव-विविधता संरक्षण,…
सिंगापुर के चांगी एयरपोर्ट ने एक बार फिर वैश्विक विमानन क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता साबित…
द्वितीय WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन 2025 का औपचारिक शुभारंभ 17 दिसंबर 2025 को…