रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने रक्षा मंत्रालय (MoD) द्वारा युद्ध और संचालन इतिहास के संग्रह, अवर्गीकरण, संकलन और प्रकाशन पर एक नीति को मंजूरी दी है. हालाँकि, 1962 के युद्ध जैसे पुराने युद्धों का अवर्गीकरण स्वचालित नहीं है और नई नीति के तहत गठित की जाने वाली समिति द्वारा मामले के आधार पर विचार किया जाएगा.
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
युद्ध के इतिहास क्यों मायने रखते हैं?
युद्ध इतिहास घटनाओं का सटीक लेखा-जोखा देता है, अकादमिक शोध के लिए प्रामाणिक सामग्री और अफवाहों का मुकाबला करने में मदद करता है. इससे पहले, युद्धों और अभियानों की रिपोर्ट कभी सार्वजनिक नहीं की जाती थी.
युद्ध के इतिहास पर समितियाँ: जिन समितियों ने युद्ध के इतिहास के संग्रह और अवर्गीकरण की सिफारिश की उनमें शामिल हैं
युद्ध के इतिहास के अवर्गीकरण पर नीति:
20 नवंबर 2024 को, केंद्र सरकार ने कानून और न्याय मंत्रालय के माध्यम से एक…
सी.आर. पाटिल, माननीय जल शक्ति मंत्री ने इंडिया वॉटर वीक 2024 के समापन समारोह के…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोविड-19 महामारी के दौरान उनके महत्वपूर्ण योगदान और भारत व कैरेबियाई…
19 नवंबर 2024 को भारत सरकार की सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड (SECI) और H2Global Stiftung…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी नाइजीरिया यात्रा के दौरान नाइजीरियाई राष्ट्रपति बोला अहमद टिनूबू को…
भारत ने क्लाइमेट चेंज परफॉर्मेंस इंडेक्स (CCPI) 2025 में पिछले वर्ष की तुलना में दो…