भारत की हरित अवसंरचना (Green Infrastructure) को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव ने 5 अक्टूबर 2025 को राजस्थान का पहला “नमो जैवविविधता उद्यान” (Namo Biodiversity Park) — जिसे “नमो वन (Namo Van)” भी कहा जाता है — का उद्घाटन अलवर के प्रताप बंध (Pratap Bandh) में किया। इस अवसर पर राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री श्री संजय शर्मा भी उपस्थित रहे। समारोह के दौरान एक प्रतीकात्मक वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जो पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी का प्रतीक बना।
नमो जैवविविधता उद्यान को अलवर क्षेत्र के “ग्रीन लंग्स (Green Lungs)” के रूप में विकसित किया गया है, जिसका उद्देश्य स्थानीय वायु गुणवत्ता में सुधार, शहरी हरित आवरण (urban green cover) बढ़ाना और पारिस्थितिक संतुलन (ecological balance) को पुनर्स्थापित करना है।
यह उद्यान केवल एक मनोरंजन क्षेत्र नहीं बल्कि शहरी पारिस्थितिकी विकास (urban ecological development) का एक मॉडल है, जो मनुष्य और प्रकृति के सह-अस्तित्व को बढ़ावा देता है।
प्राकृतिक कार्बन सिंक (carbon sink) के रूप में कार्य कर वायु प्रदूषण को कम करना।
अरावली पारिस्थितिकी तंत्र (Aravalli ecosystem) की स्थानीय वनस्पतियों और जीवों का संरक्षण करना।
नागरिकों, विशेषकर छात्रों में पर्यावरण जागरूकता बढ़ाना।
सामुदायिक भागीदारी और शैक्षणिक कार्यक्रमों के माध्यम से पर्यावरण-मित्र जीवनशैली (eco-friendly lifestyle) को प्रोत्साहित करना।
उद्यान को सततता (sustainability), शिक्षा और पारिस्थितिकी (ecology) को एकीकृत करने के लिए निम्न विशेषताओं के साथ विकसित किया गया है –
स्थानीय वृक्षारोपण (Native Tree Plantation): अरावली श्रेणी की स्वदेशी प्रजातियों का चयन, जिससे पारिस्थितिक संतुलन और जल दक्षता सुनिश्चित हो सके।
हरित गलियारे (Green Corridors): प्रकृति से जुड़ने के लिए पैदल मार्ग और ईको-ट्रेल्स।
शैक्षणिक क्षेत्र (Educational Zones): जागरूकता केंद्र, जहाँ जैवविविधता, जलवायु परिवर्तन और सतत जीवनशैली पर जानकारी दी जाएगी।
जल संरक्षण उपाय (Water Conservation): वर्षा जल संचयन प्रणाली और ग्रीन लैंडस्केपिंग तकनीकें अपनाई गई हैं।
इन सभी प्रयासों का उद्देश्य एक ऐसा शहरी पारिस्थितिक मॉडल प्रस्तुत करना है जो संरक्षण और सुलभता (accessibility) के बीच संतुलन स्थापित करे।
राजस्थान, जो अपने शुष्क जलवायु और नाजुक पारिस्थितिक तंत्र के लिए जाना जाता है, वनों की कटाई (deforestation), मरुस्थलीकरण (desertification) और वायु प्रदूषण जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है।
नमो जैवविविधता उद्यान इन समस्याओं से निपटने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा —
वृक्ष घनत्व बढ़ाकर और हीट आइलैंड प्रभाव को कम करके पर्यावरणीय संतुलन बनाना।
वन्यजीव आवास और परागण प्रजातियों को समर्थन देना।
जलवायु अनुकूलन उपाय (climate adaptation measure) के रूप में भारत के पेरिस समझौते (Paris Agreement) के तहत प्रतिबद्धताओं को सुदृढ़ करना।
“लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट (LiFE)” मिशन के तहत सतत जीवनशैली को बढ़ावा देना।
यह पहल भारत सरकार के “मिशन LiFE” की भावना को प्रतिबिंबित करती है, जो पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार व्यवहार को प्रोत्साहित करती है।
| विषय | विवरण |
|---|---|
| कार्यक्रम | राजस्थान के पहले नमो जैवविविधता उद्यान (Namo Biodiversity Park) का उद्घाटन |
| तिथि | 5 अक्टूबर 2025 |
| स्थान | प्रताप बंध, अलवर, राजस्थान |
| आधिकारिक नाम | नमो वन (Namo Van) |
| उद्घाटनकर्ता | श्री भूपेन्द्र यादव, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री |
| सहयोगी मंत्री | श्री संजय शर्मा, कैबिनेट मंत्री, राजस्थान सरकार |
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