Categories: Imp. days

रवींद्रनाथ टैगोर जयंती 2023 समारोह, इतिहास, महत्व और उद्धरण

भारत के राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ के रचयिता और संगीत-साहित्यिक सम्राट रवींद्रनाथ टैगोर की 162वीं जयंती है। वह एक महान कवि, लेखक, दार्शनिक और समाज सुधारक थे जिन्होंने भारत की सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 7 मई, 1861 को कलकत्ता में जन्मे, रवींद्रनाथ टैगोर को व्यापक रूप से दुनिया के महानतम साहित्यकारों में से एक माना जाता है।

Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams

रवींद्रनाथ टैगोर जयंती 2023: तारीख

 

रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 को कलकत्ता, ब्रिटिश भारत (अब कोलकाता, भारत) में हुआ था। लेकिन, रवींद्रनाथ टैगोर जयंती हर साल 9 मई को मनाई जाती है। इसलिए, रवींद्रनाथ टैगोर जयंती 2023 मई को उनकी 162वीं जयंती होगी।

 

रवींद्रनाथ टैगोर जयंती 2023: समारोह

  • रवींद्रनाथ टैगोर जयंती 2023 का उत्सव पूरे भारत और दुनिया भर में विभिन्न कार्यक्रमों और कार्यक्रमों का गवाह बनेगा।
  • यह अवसर महान कवि को श्रद्धांजलि देने और उनके जीवन और कार्यों का जश्न मनाने का अवसर प्रदान करता है।
  • इस अवसर को मनाने के लिए कई संगठन, सांस्कृतिक संस्थान और शैक्षणिक संस्थान सेमिनार, सम्मेलन, कार्यशाला और सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे।
  • रवींद्रनाथ टैगोर जयंती 2023 का उत्सव भारत तक ही सीमित नहीं है बल्कि दुनिया भर में भी मनाया जाता है।
  • दुनिया भर के कई विश्वविद्यालय और शैक्षणिक संस्थान इस अवसर को मनाने के लिए सेमिनार और सम्मेलन आयोजित करते हैं।
  • इसका उद्देश्य टैगोर के दर्शन और साहित्य, संगीत और कला में उनके योगदान को वैश्विक दर्शकों तक पहुंचाना है।
  • रवींद्रनाथ टैगोर जयंती का उत्सव केवल कलात्मक अभिव्यक्तियों तक ही सीमित नहीं है।
  • यह उनके विचारों और मूल्यों की याद दिलाता है, जो आज भी प्रासंगिक हैं।
  • टैगोर सामाजिक न्याय, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के प्रबल पक्षधर थे।
  • वह शिक्षा की शक्ति में विश्वास करते थे और इसे दमन से मुक्ति के साधन के रूप में देखते थे।

 

रवींद्रनाथ टैगोर जयंती 2023: इतिहास

 

रवींद्रनाथ टैगोर ने केवल 8 वर्ष की उम्र में कविता लिखना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपने जीवन में 2200 से भी ज्यादा गीत लिखें हैं। भारत के राष्‍ट्रगान को लिखने के अलावा रवींद्रनाथ टैगोर ने बांग्‍लादेश के ‘आमार सोनार बांगला’ की भी रचना की थी। रवींद्रनाथ टैगोर ने ये गीत तब लिखा था जब 1905 बंगाल को अंग्रेज बांटने वाले थे। उनकी लेखनी में वो ताकत थी, जो लोगों के अंतर्मन को स्‍पर्श कर लेती थी। इसको देखकर महात्मा गांधी ने रवींद्रनाथ टैगोर को ‘गुरुदेव’ की उपाधि दी थी। वहीं अंग्रेजी हुकूमत की ओर से टैगोर को ‘नाइट हुड’ यानी ‘सर’ की उपाधि से भी नवाजा था, लेकिन 1919 में हुए जलियांवाला बाग कांड के बाद टैगोर ने इस उपाधि को लौटा दिया था।

 

रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म

 

7 मई 1861 को कोलकाता में देवेंद्रनाथ टैगोर और शारदा देवी के घर एक बालक ने जन्म लिया जिसका नाम था रवींद्रनाथ, बचपन में उन्हें प्यार से सब उन्हें ’रबी‘ बुलाते थे। अपने सभी 13 भाई-बहनों में सबसे छोटे रवीन्द्रनाथ टैगोर को बालपन से परिवार में साहित्यिक माहौल मिला, इसी वजह से उन्हें साहित्य से बहुत लगाव रहा। वो भारत ही नहीं एशिया के पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें साहित्य के लिए 1913 में अपनी रचना गीतांजलि के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। आज भी रवींद्र संगीत बांगला संस्कृति का अभिन्न अंग माना जाता है।

 

रवींद्रनाथ टैगोर के अनमोल विचार

1. शिक्षा का मुख्य उद्देश्य स्पष्टीकरण देना नहीं है, बल्कि मन के दरवाजे खटखटाना है।

2. हम यह प्रार्थना न करें कि हमारे ऊपर समस्या न आए, बल्कि यह प्रार्थना करें कि हम उनका सामना निडरता से करें।

3. उच्च शिक्षा वो नहीं जो हमें सिर्फ जानकारी देती है, बल्कि वह है जो हमारे जीवन को सफलता का एक नया आयाम देती है।

4. प्रसन्न रहना बहुत साधारण है परंतु साधारण होना बहुत मुश्किल है।

5. अगर आप सभी त्रुटियों के लिए अपना दरवाजा बंद कर लेंगे, तो सत्य बाहर ही रह जाएगा। अर्थात सच्चाई मर जाएगी।

 

Find More Important Days Here

 

 

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

आरबीआई ने एडलवाइस समूह को दी बड़ी राहत, 5 महीने बाद हटाया प्रतिबंध

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एडेलवाइस ग्रुप की दो संस्थाओं—ECL फाइनेंस लिमिटेड और एडेलवाइस एसेट…

7 hours ago

किरण मजूमदार-शॉ ने बायोसाइंसेज नेतृत्व के लिए जमशेदजी टाटा पुरस्कार जीता

किरण मजूमदार-शॉ, बायोकॉन ग्रुप की चेयरपर्सन, को भारतीय सोसाइटी फॉर क्वालिटी (ISQ) द्वारा प्रतिष्ठित जमशेदजी…

8 hours ago

प्रसिद्ध गायक और संगीतकार पंडित संजय मराठे का निधन

पंडित संजय राम मराठे, एक प्रतिष्ठित शास्त्रीय गायक और हारमोनियम वादक, का 15 दिसंबर 2024…

9 hours ago

नैट साइवर-ब्रंट ने सबसे तेज टेस्ट शतक का रिकॉर्ड बनाया

15 दिसंबर 2024 को, इंग्लैंड ने दक्षिण अफ्रीका के ब्लोमफोंटेन स्थित मंगाउंग ओवल में महिला…

9 hours ago

अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस 2024, जानें सबकुछ

अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस, जो हर साल 18 दिसंबर को मनाया जाता है, दुनिया भर में…

10 hours ago

फीफा बेस्ट अवार्ड्स 2024: विनिशियस को मिला बेस्ट प्लेयर का खिताब

फीफा द बेस्ट फुटबॉल अवॉर्ड्स 2024 का आयोजन 17 दिसंबर को दोहा, कतर में किया…

10 hours ago