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पंजाब ने महिला एवं बाल सुरक्षा को मजबूत करने हेतु ‘प्रोजेक्ट हिफाजत’ शुरू किया

पंजाब में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने 7 मार्च 2025 को ‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ का आधिकारिक शुभारंभ किया। यह पहल हिंसा से प्रभावित महिलाओं और बच्चों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए 24×7 इंटीग्रेटेड हेल्पलाइन, विभिन्न सरकारी विभागों के समन्वय और जमीनी प्रतिक्रिया तंत्र को शामिल करती है।

सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में कदम

लॉन्च इवेंट के दौरान, डॉ. बलजीत कौर ने महिलाओं को बिना किसी भय के अपराधों की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया और उन्हें इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर ‘181’ अपने मोबाइल में सेव करने की अपील की।

‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ का उद्देश्य लैंगिक हिंसा के खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करना और सरकारी एजेंसियों को एकीकृत कर पीड़ितों को निर्बाध सहायता प्रदान करना है।

‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ की मुख्य विशेषताएँ

1. 24×7 महिला और बाल हेल्पलाइन

मिशन शक्ति’ और ‘मिशन वात्सल्य’ के तहत इस परियोजना के लिए दो समर्पित हेल्पलाइन शुरू की गई हैं:

  • महिला हेल्पलाइन (181) – घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर उत्पीड़न और अन्य अपराधों की शिकायतों के लिए।
  • बाल हेल्पलाइन (1098) – बच्चों के साथ हो रहे शोषण, दुर्व्यवहार और हिंसा की घटनाओं के लिए।

ये हेल्पलाइन 24×7 संचालित होंगी, जिससे महिलाओं और बच्चों को किसी भी समय सहायता मिल सकेगी। आपातकालीन मामलों को ‘इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (ERSS-112)’ से जोड़ा जाएगा, ताकि त्वरित पुलिस हस्तक्षेप संभव हो सके।

2. बहु-विभागीय समन्वय से प्रभावी कार्रवाई

‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ को अधिक प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों के बीच तालमेल स्थापित किया गया है:

  • पंजाब पुलिस – तत्काल कानून प्रवर्तन और बचाव कार्य।
  • सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास विभाग – आश्रय, पुनर्वास और वित्तीय सहायता।
  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग – चिकित्सा सहायता, मानसिक स्वास्थ्य परामर्श।
  • विधिक सहायता प्राधिकरण – कानूनी प्रक्रिया, सुरक्षा आदेश और मुकदमों में सहायता।

इस समन्वित दृष्टिकोण से पीड़ितों को कानूनी, चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक सहायता में कोई देरी नहीं होगी।

3. बचाव वाहनों की तैनाती

आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को मजबूत करने के लिए हर जिले में विशेष बचाव वाहन तैनात किए जाएंगे, जो:

  • हेल्पलाइन पर कॉल आने के तुरंत बाद घटनास्थल तक पहुंचेंगे
  • तत्काल चिकित्सा सहायता और सुरक्षित आश्रय तक परिवहन सुनिश्चित करेंगे
  • पीड़ितों को मौके पर ही मनो-सामाजिक सहायता प्रदान करेंगे

इस पहल का उद्देश्य प्रतिक्रिया समय को कम करना और पीड़ितों को संकट की स्थिति में सुरक्षा का अहसास कराना है।

4. प्रभावी निगरानी और क्रियान्वयन

‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ की सख्त निगरानी विभिन्न स्तरों पर की जाएगी:

  • डिप्टी कमिश्नर (DC) – क्रियान्वयन की निगरानी और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय।
  • जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) – जमीनी स्तर पर संचालन और प्रतिक्रिया व्यवस्था की जिम्मेदारी।

राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष (चंडीगढ़)

  • 24×7 निगरानी केंद्र जो संकट कॉल्स और प्रतिक्रिया समय पर नज़र रखेगा।
  • मामलों की ट्रैकिंग और फॉलो-अप सुनिश्चित करेगा
  • महिलाओं और बच्चों के लिए सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान करेगा
  • डेटा विश्लेषण और रिपोर्टिंग से सुरक्षा उपायों में सुधार करेगा

रीयल-टाइम ट्रैकिंग और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके, यह परियोजना सुरक्षा उपायों को लगातार मजबूत करने में मदद करेगी

सरकार का विजन: महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित पंजाब

पंजाब सरकार का लक्ष्य महिलाओं और बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाना है। ‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ डर को खत्म करने, अपराधों की रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित करने और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

इस पहल के माध्यम से:

  • घरेलू हिंसा और शोषण के मामलों की रिपोर्टिंग में वृद्धि होगी।
  • पीड़ितों को तेज़ कानूनी और चिकित्सा सहायता मिलेगी।
  • पुलिस प्रतिक्रिया तंत्र को मज़बूती मिलेगी।
  • महिलाओं और बच्चों के लिए अधिक सुरक्षित वातावरण तैयार होगा।

‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ महिला सशक्तिकरण और बाल सुरक्षा की दिशा में पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह परियोजना प्रौद्योगिकी, सरकारी एजेंसियों और जनभागीदारी को एकीकृत करके हिंसा से पीड़ितों के लिए एक अधिक सुरक्षित और उत्तरदायी तंत्र स्थापित करेगी।

श्रेणी विवरण
क्यों चर्चा में? पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने 7 मार्च 2025 को ‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ लॉन्च किया, जो हिंसा से प्रभावित महिलाओं और बच्चों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है।
उद्देश्य महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें सशक्त बनाना। यह 24×7 हेल्पलाइन सहायता, आपातकालीन बचाव अभियान और अंतर-विभागीय समन्वय के माध्यम से किया जाएगा।
मुख्य विशेषताएँ 1. 24×7 हेल्पलाइन: महिलाओं के लिए 181 और बच्चों के लिए 1098 हेल्पलाइन शुरू। 2. आपातकालीन प्रतिक्रिया: गंभीर मामलों को ERSS-112 से जोड़कर त्वरित पुलिस हस्तक्षेप। 3. अंतर-विभागीय समन्वय: पंजाब पुलिस, सामाजिक सुरक्षा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और विधिक सहायता प्राधिकरण मिलकर पीड़ितों की सहायता करेंगे। 4. बचाव वाहन: हर जिले में तैनात, ताकि जमीनी स्तर पर सहायता और चिकित्सा सुविधा दी जा सके। 5. निगरानी प्रणाली: चंडीगढ़ में राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित, जो संकट कॉल्स, मामलों के समाधान और सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान करेगा।
क्रियान्वयन निगरानी: डिप्टी कमिश्नर (DC) कार्यान्वयन की देखरेख करेंगे। – जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO): नोडल अधिकारी के रूप में जमीनी स्तर पर संचालन समन्वय करेंगे। – रीयल-टाइम ट्रैकिंग: चंडीगढ़ नियंत्रण कक्ष मामलों की निगरानी और प्रतिक्रिया को अधिक प्रभावी बनाएगा।
सरकार का विजन महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित करना।कानूनी, चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक सहायता त्वरित रूप से प्रदान करना।पुलिस प्रतिक्रिया को अधिक प्रभावी बनाना।प्रौद्योगिकी और जन-जागरूकता के माध्यम से पंजाब को अधिक सुरक्षित बनाना।
पंजाब ने महिला एवं बाल सुरक्षा को मजबूत करने हेतु 'प्रोजेक्ट हिफाजत' शुरू किया |_3.1