भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 14 फरवरी 2025 को बेंगलुरु में आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भाग लिया। अपने संबोधन में, उन्होंने भारतीय नारी शक्ति के बढ़ते प्रभाव और उनके विज्ञान, खेल, राजनीति, कला और संस्कृति में अभूतपूर्व योगदान पर प्रकाश डाला।
महिलाओं की उपलब्धियाँ और सशक्तिकरण
अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मु ने उन महिलाओं की उपलब्धियों को सराहा, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि आज की महिलाएँ आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही हैं और अपने परिवार, संस्थानों और राष्ट्र को गौरवान्वित कर रही हैं।
उन्होंने महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि:
- साहस जुटाएँ और बड़े सपने देखें।
- अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करें और सफलता प्राप्त करें।
- यह समझें कि व्यक्तिगत लक्ष्य प्राप्त करने का हर छोटा कदम भारत के विकास में योगदान देता है।
राष्ट्रपति के इस प्रेरणादायक संदेश ने महिलाओं के सशक्तिकरण और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका को रेखांकित किया।
तकनीकी युग में महिलाओं की भूमिका और मानवीय मूल्यों का संरक्षण
राष्ट्रपति ने कहा कि हम तकनीकी क्रांति के युग में हैं, जहाँ विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने जीवन को सरल और उन्नत बनाया है। लेकिन इस प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण में करुणा, प्रेम और एकता जैसे मानवीय मूल्यों का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि:
- महिलाओं में करुणा के साथ नेतृत्व करने की विशेष क्षमता होती है।
- वे परिवार, समाज और वैश्विक स्तर पर एकता और समरसता को बढ़ावा देती हैं।
- महिलाएँ व्यक्तिगत हितों से ऊपर उठकर संपूर्ण समुदाय के कल्याण के लिए कार्य करती हैं।
उन्होंने विश्वास जताया कि यह सम्मेलन महिलाओं को आध्यात्मिक मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा, जिससे एक शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण विश्व का निर्माण संभव होगा।
आर्ट ऑफ लिविंग का शिक्षा और राष्ट्र निर्माण में योगदान
राष्ट्रपति ने आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि:
- शिक्षा मानवता में सबसे महत्वपूर्ण निवेश है।
- शिक्षा भविष्य की पीढ़ियों को आकार देने में अहम भूमिका निभाती है।
- सही मार्गदर्शन और समर्थन से बच्चे राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान दे सकते हैं।
उन्होंने बच्चों को ज्ञान और नैतिक मूल्यों से सशक्त करने का आह्वान किया, जिससे वे जिम्मेदार नागरिक बन सकें।
वैश्विक चुनौतियों और जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई की अपील
राष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भी चिंता व्यक्त की और पर्यावरण संरक्षण पर चर्चा करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि:
- जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक संकट है, जिससे निपटने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।
- प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण भविष्य की पीढ़ियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- सतत विकास और पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली अपनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने स्थिरता (sustainability) और इको-फ्रेंडली उपायों को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक प्रयास करने पर जोर दिया, ताकि पृथ्वी को सुरक्षित रखा जा सके।
निष्कर्ष
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपने संबोधन में महिला सशक्तिकरण, मानवीय मूल्यों, शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों को उठाया। उन्होंने इस सम्मेलन को महिलाओं के लिए प्रेरणादायक मंच बताते हुए आशा व्यक्त की कि यह एक न्यायसंगत, शांतिपूर्ण और सतत समाज के निर्माण में योगदान देगा।


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