प्रेम सिंह तमांग गोले ने सिक्किम के सातवें मुख्यमंत्री के रूप में 10 जून को शपथ ली। विधानसभा चुनाव में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) की ऐतिहासिक विजय हासिल के बाद वह लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं।
राजधानी गंगटोक के पालजोर स्टेडियम में राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने उन्हें शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री तामांग ने नेपाली भाषा में शपथ पाठ किया। उनके साथ 11 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली।
तमांग के मंत्रिमंडल में सात नए चेहरे हैं। शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री तमांग ने कहा कि नई सरकार बिजली, पानी और सड़क को लेकर विशेष रूप से काम करेगी। पिछले कार्यकाल के अधूरे कार्यों को पूरा किया जाएगा। राज्य सरकार केंद्र में एनडीए को समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2014 के बाद पूर्वोत्तर के विकास को नई दिशा दी है।
इस वर्ष अप्रैल के महीने में सिक्किम में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए और 2 जून को नतीजे आए। एसकेएम ने प्रेम सिंह तमांग के नेतृत्व में राज्य में 32 में से 31 सीटों पर प्रचंड जीत हासिल की है। इस बार विधानसभा चुनाव में तमांग ने जिन दो सीटों से उन्होंने चुनाव लड़ा, वहां उन्हें जीत हासिल हुई।
प्रेम सिंह तमांग का जन्म 5 फरवरी 1968 को पश्चिम सिक्किम के सिंग्लिंग बस्टी में हुआ था। उनके पिता का नाम कालू सिंह तमांग और मां का नाम धन माया तमांग है। शुरुआती शिक्षा हासिल करने के बाद तमांग ने 1988 में दार्जिलिंग गवर्नमेंट कॉलेज से कला में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। राजनीति में आने से पहले तमांग सरकारी शिक्षक थे। हालांकि, शिक्षक की नौकरी के बदले उनकी सामाजिक कार्यो में अधिक रूचि रही। इसी वजह से वे बाद में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) की राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने शुरू कर दिया और पार्टी के सदस्य बन गए। इसके बाद उन्होंने सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और एसडीएफ के स्थाई सदस्य बन गए। चामलिंग, एसडीएफ के संस्थापक रहे पूर्व सीएम पवन कुमार चामलिंग को अपना राजनीतिक गुरु मानते थे।
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