केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की स्मृति में नई दिल्ली के राजघाट परिसर में स्थित राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर एक स्मारक स्थापित करने का निर्णय लिया है। मुखर्जी, जो 31 अगस्त 2020 को दिवंगत हुए, एक अनुभवी कांग्रेस नेता और भारत के 13वें राष्ट्रपति थे। उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति इस अप्रत्याशित कदम के लिए आभार व्यक्त किया। यह स्मारक मुखर्जी के भारतीय राजनीति में दशकों लंबे योगदान को श्रद्धांजलि देगा।
स्मारक से जुड़े मुख्य बिंदु
- निर्णय की तारीख: 1 जनवरी, 2025
- स्थान: राष्ट्रीय स्मृति स्थल, राजघाट परिसर, नई दिल्ली
- स्वीकृति: मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति द्वारा
- उद्देश्य: भारत के 13वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सम्मानित करना
- पत्र प्राप्त करने वाली: शर्मिष्ठा मुखर्जी (प्रणब मुखर्जी की बेटी)
प्रणब मुखर्जी की राजनीतिक यात्रा
- 1969 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रूप में राजनीति में प्रवेश।
- वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री जैसे कई प्रमुख पदों पर कार्य।
- 2012 से 2017 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में सेवा।
- विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, के साथ सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए प्रसिद्ध।
स्मारक का महत्व
- राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर NDA सरकार द्वारा किसी कांग्रेस नेता के लिए पहला स्मारक।
- प्रधानमंत्री मोदी के साथ प्रणब मुखर्जी के अच्छे संबंध और 2019 में उनके भारत रत्न सम्मान को इस पहल का प्रमुख कारण माना जा रहा है।
- यह स्मारक पूर्व नेताओं जैसे अटल बिहारी वाजपेयी के स्मारक के साथ शामिल होगा।
राजनीतिक प्रासंगिकता
- गांधी परिवार के साथ प्रणब मुखर्जी के संबंध अक्सर तनावपूर्ण रहे।
- 2018 में नागपुर में RSS मुख्यालय की उनकी यात्रा ने कांग्रेस के भीतर विवाद उत्पन्न किया।
- भाजपा सरकार ने 2023 में एक अन्य कांग्रेस नेता पी.वी. नरसिम्हा राव को भारत रत्न से सम्मानित किया।
शर्मिष्ठा मुखर्जी की प्रतिक्रिया
- स्मारक को “नववर्ष का सबसे अच्छा उपहार” कहा।
- प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर आभार व्यक्त किया और इसे “अप्रत्याशित लेकिन सचमुच उदार” बताया।
- उनके पिता का यह विश्वास याद किया कि राज्य सम्मान मांगा नहीं, बल्कि प्रदान किया जाना चाहिए।
प्रणब मुखर्जी की उपलब्धियां
साल | उपलब्धि |
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1969 | भारतीय राजनीति में प्रवेश, इंदिरा गांधी के कार्यकाल में कांग्रेस में शामिल। |
1982 | भारत के वित्त मंत्री, इस पोर्टफोलियो को कई बार संभाला। |
2012-2017 | भारत के राष्ट्रपति, संवैधानिक समझदारी के लिए प्रसिद्ध। |
2018 | RSS मुख्यालय का दौरा, कांग्रेस में विवाद उत्पन्न। |
2019 | भारत रत्न से सम्मानित, NDA सरकार द्वारा प्रदान किया गया। |
2020 | 31 अगस्त 2020 को निधन, देशभर में राष्ट्रीय शोक मनाया गया। |