PMGDISHA ने 6.39 करोड़ डिजिटल साक्षरता मील का पत्थर हासिल किया

ग्रामीण भारत में डिजिटल साक्षरता की खाई को पाटने के लिए शुरू किए गए प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (पीएमजीदिशा) ने 31 मार्च, 2024 तक 6 करोड़ ग्रामीण परिवारों के लक्ष्य को पार करते हुए 6.39 करोड़ व्यक्तियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत इस पहल का उद्देश्य प्रत्येक ग्रामीण परिवार के एक सदस्य को आवश्यक डिजिटल कौशल से सशक्त बनाना है। इस योजना को राज्य कार्यान्वयन एजेंसियों के सहयोग से इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) की देखरेख में प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से देश भर में लागू किया गया था।

योजना के उद्देश्य और उपलब्धियाँ

पृष्ठभूमि: 71वें NSSO सर्वेक्षण (2014) से पता चला कि केवल 6% ग्रामीण परिवारों के पास कंप्यूटर हैं, जो एक बड़े डिजिटल विभाजन को उजागर करता है। 6 करोड़ ग्रामीण परिवारों को लक्षित करके इस अंतर को दूर करने के लिए PMGDISHA की शुरुआत की गई, जिससे एससी/एसटी, महिलाओं और दिव्यांग व्यक्तियों जैसे वंचित समूहों के लिए डिजिटल समावेशन सुनिश्चित हुआ।

हासिल की गई उपलब्धियाँ: योजना के परिणाम के अनुसार:

  • 7.35 करोड़ व्यक्तियों ने नामांकन कराया, जिनमें से 6.39 करोड़ प्रशिक्षित हुए और 4.78 करोड़ प्रमाणित हुए।
  • डिजिटल साक्षरता लाभार्थियों को नकद रहित लेनदेन करने, ऑनलाइन सरकारी सेवाओं तक पहुँचने और आजीविका बढ़ाने के लिए आईटी उपकरणों का उपयोग करने में सक्षम बनाती है।
  • कार्यान्वयन प्रक्रिया: प्रशिक्षण कार्यक्रम 10-30 दिनों में 20 घंटे तक चला, जिसमें डिवाइस की कार्यक्षमता, इंटरनेट ब्राउज़िंग, नकद रहित भुगतान और ऑनलाइन सेवाओं जैसी बुनियादी बातों को शामिल किया गया। गैर-स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं, बीपीएल परिवारों और स्कूल छोड़ने वालों को प्राथमिकता दी गई।

राज्यवार मुख्य बिंदु

बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने सबसे अधिक प्रशिक्षित उम्मीदवारों के साथ नेतृत्व किया, जिन्होंने क्रमशः 74.12 लाख, 1.45 करोड़ और 53.23 लाख व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया। जनसांख्यिकीय बाधाओं के कारण लक्षद्वीप और मणिपुर जैसे छोटे क्षेत्रों में भागीदारी सीमित थी।

आईटी और एआई में पूरक पहल

भारत को आईटी और एआई कौशल केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए MeitY के व्यापक दृष्टिकोण के तहत, भारत बीपीओ प्रमोशन स्कीम (IBPS) और नॉर्थ ईस्ट बीपीओ प्रमोशन स्कीम (NEBPS) जैसी पहलों ने छोटे शहरों में आईटी/आईटीईएस विकास को प्रोत्साहित किया, जबकि फ्यूचरस्किल्स प्राइम कार्यक्रम ने NASSCOM के सहयोग से एआई, ब्लॉकचेन और साइबर सुरक्षा जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में पुनः कौशल/अप-स्किलिंग पर ध्यान केंद्रित किया।

डिजिटल साक्षरता और राष्ट्र निर्माण पर प्रभाव

PMGDISHA की सफलता डिजिटल रूप से समावेशी समाज बनने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। यह कार्यक्रम डिजिटल इंडिया विज़न के साथ संरेखित है, जो रोजगार और आजीविका के अवसरों को बढ़ाते हुए लोकतांत्रिक और विकासात्मक प्रक्रियाओं में ग्रामीण भागीदारी सुनिश्चित करता है।

समाचार का सारांश

मुख्य बिंदु विवरण
क्यों खबर में? PMGDISHA ने 31 मार्च 2024 से पहले 6.39 करोड़ व्यक्तियों को डिजिटल साक्षरता में प्रशिक्षित कर अपने लक्ष्य को पार किया।
योजना का नाम प्रधान मंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDISHA)
लॉन्च किया गया डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत
लक्ष्य भारत के प्रत्येक ग्रामीण घराने के एक सदस्य को डिजिटल साक्षर बनाना।
लक्ष्य संख्या 31 मार्च 2024 तक 6 करोड़ व्यक्तियों को प्रशिक्षित करना।
उपलब्धि 7.35 करोड़ पंजीकरण, 6.39 करोड़ प्रशिक्षित, 4.78 करोड़ प्रमाणित।
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम (स्थैतिक जानकारी) 2015 में लॉन्च किया गया; भारत को एक डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने का लक्ष्य।
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vikash

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