प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 अक्टूबर 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कौशल दीक्षांत समारोह (Skills Convocation) के दौरान प्रधानमंत्री कौशल संवर्धन एवं तकनीकी उन्नयन योजना (PM SETU – Prime Minister’s Skill Enhancement and Technical Upgradation) का शुभारंभ किया। ₹60,000 करोड़ के बजट वाली यह योजना देशभर के 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITIs) को आधुनिक, उद्योगोन्मुख और रोजगार-उन्मुख केंद्रों में बदलने का लक्ष्य रखती है।
यह महत्वाकांक्षी पहल “विकसित भारत @2047” के दृष्टिकोण से जुड़ी है, जिसका उद्देश्य एक नवाचार-प्रेरित और कौशलयुक्त कार्यबल (skilled workforce) तैयार करना है, जो वैश्विक उद्योगों की बदलती आवश्यकताओं को पूरा कर सके।
प्रधानमंत्री कौशल संवर्धन एवं तकनीकी उन्नयन योजना (PM SETU) का उद्देश्य भारत की व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रणाली (vocational training ecosystem) को पुनर्जीवित करना है। इसके तहत ITIs को आधुनिक, प्रेरणादायक और उद्योग से जुड़े संस्थानों में बदला जाएगा।
मुख्य फोकस क्षेत्र:
बुनियादी ढांचे और पाठ्यक्रम का आधुनिकीकरण
उद्योग साझेदारी को बढ़ावा देना
वैश्विक मानकों वाले प्रयोगशालाओं की स्थापना
छात्रों को रोजगार के लिए बेहतर रूप से तैयार करना
इस योजना के अंतर्गत ITIs को पारंपरिक ट्रेड्स के साथ-साथ AI, ऑटोमेशन, ग्रीन एनर्जी, रोबोटिक्स और मैन्युफैक्चरिंग जैसे उभरते क्षेत्रों में उत्कृष्टता केंद्र बनाया जाएगा।
ITI प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुधारना – कार्यशालाओं, उपकरणों और शिक्षण पद्धति को अंतरराष्ट्रीय मानकों तक पहुँचाना।
पाठ्यक्रम को उद्योग आवश्यकताओं से जोड़ना – व्यवहारिक प्रशिक्षण और इंटर्नशिप को शामिल करना।
उद्योग भागीदारी को मजबूत करना – निजी कंपनियों के साथ साझेदारी से अप्रेंटिसशिप और इंटर्नशिप कार्यक्रम बढ़ाना।
समग्र विकास को प्रोत्साहन देना – ITIs को नवाचार और उद्यमिता के केंद्र बनाना।
ITIs को आकर्षक संस्थान बनाना – युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण के प्रति प्रेरित करना।
| विवरण | जानकारी |
|---|---|
| कुल बजट | ₹60,000 करोड़ |
| अवधि | 2025–2030 (5 वर्ष) |
| कवरेज | 1,000 ITIs (200 हब + 800 स्पोक्स) |
| लाभार्थी | लगभग 20 लाख युवा |
| तकनीकी फोकस | SAP आधारित डिजिटल लर्निंग और प्रबंधन प्रणाली, स्मार्ट लैब, सिमुलेशन आधारित लर्निंग और AI मूल्यांकन प्रणाली |
PM SETU के तहत 5 राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहाँ प्रशिक्षकों और विद्यार्थियों को उन्नत औद्योगिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
| स्थान | विशेषता क्षेत्र |
|---|---|
| लुधियाना (पंजाब) | मैन्युफैक्चरिंग और टेक्सटाइल इंजीनियरिंग |
| कानपुर (उत्तर प्रदेश) | लेदर और फुटवियर डिजाइन |
| भुवनेश्वर (ओडिशा) | औद्योगिक ऑटोमेशन और रोबोटिक्स |
| हैदराबाद (तेलंगाना) | सूचना प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता |
| चेन्नई (तमिलनाडु) | विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग |
ये केंद्र वैश्विक संस्थानों और उद्योगों के साथ साझेदारी में अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम तैयार करेंगे।
योजना के पहले चरण में 15 ITI क्लस्टर चुने गए हैं, जो क्षेत्रीय सहयोग और संसाधन साझा करने के केंद्र होंगे।
चयनित 15 क्लस्टर:
सोनीपत (हरियाणा)
विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश)
बिजनौर और मेरठ (उत्तर प्रदेश)
हरिद्वार (उत्तराखंड)
उज्जैन (मध्य प्रदेश)
बेंगलुरु अर्बन (कर्नाटक)
भरतपुर (राजस्थान)
दरभंगा और पटना (बिहार)
होशियारपुर (पंजाब)
हैदराबाद (तेलंगाना)
संबलपुर (ओडिशा)
चेन्नई (तमिलनाडु)
गुवाहाटी (असम)
हर क्लस्टर एक विशेष औद्योगिक क्षेत्र — जैसे मैन्युफैक्चरिंग, आईटी, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग या ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी — पर केंद्रित होगा।
कौशल अंतर को कम करना: शिक्षा, उद्योग और रोजगार के बीच बेहतर सामंजस्य।
युवाओं को सशक्त बनाना: रोजगार योग्यता और आत्मनिर्भरता में वृद्धि।
मेक इन इंडिया को समर्थन: घरेलू प्रतिभा से औद्योगिक विकास को गति।
उद्यमिता को प्रोत्साहन: नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा।
डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों को मजबूती: डिजिटल लर्निंग और प्रबंधन प्रणाली का समावेश।
यह योजना आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) के लक्ष्य को भी सुदृढ़ करती है, जिससे भारतीय उद्योगों को देश में प्रशिक्षित, उच्च कौशलयुक्त कार्यबल उपलब्ध होगा।
| बिंदु | विवरण |
|---|---|
| पूरा नाम | प्रधानमंत्री कौशल संवर्धन एवं तकनीकी उन्नयन योजना (PM SETU) |
| लॉन्च करने वाले | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
| लॉन्च तिथि | 4 अक्टूबर 2025 |
| स्थान | विज्ञान भवन, नई दिल्ली |
| बजट | ₹60,000 करोड़ |
| अवधि | 2025–2030 |
| कवरेज | 1,000 ITIs (200 हब + 800 स्पोक्स) |
| लाभार्थी | लगभग 20 लाख युवा |
निष्कर्ष:
PM SETU योजना भारत के कौशल विकास मिशन का एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाएगी, बल्कि युवाओं को विश्वस्तरीय तकनीकी दक्षता देकर भारत को वैश्विक कौशल महाशक्ति (Global Skill Powerhouse) बनने की दिशा में अग्रसर करेगी।
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