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मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने मॉरीशस की राष्ट्रीय दिवस (नेशनल डे) समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेने के लिए मॉरीशस की यात्रा करेंगे। इस बात की घोषणा मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम ने की, जिन्होंने इस यात्रा को दोनों देशों के गहरे और ऐतिहासिक द्विपक्षीय संबंधों का प्रतीक बताया।

मॉरीशस का राष्ट्रीय दिवस: एक ऐतिहासिक अवसर

मॉरीशस हर साल 12 मार्च को अपना राष्ट्रीय दिवस मनाता है, जो 1968 में ब्रिटिश शासन से मिली स्वतंत्रता की वर्षगांठ का प्रतीक है। यह दिन मॉरीशस के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी दिन से देश की संप्रभुता की यात्रा शुरू हुई थी।

इस वर्ष के समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति इस आयोजन को और भी विशेष बना देगी और भारत-मॉरीशस के मजबूत संबंधों को और सशक्त करेगी।

पीएम मोदी की यात्रा: द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना

शुक्रवार को मॉरीशस की नेशनल असेंबली में बोलते हुए प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम ने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह मॉरीशस के लिए “अत्यंत सम्मान” की बात है कि एक वैश्विक नेता, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यस्त कार्यक्रम में रहते हैं, हमारे देश के इस महत्वपूर्ण अवसर पर उपस्थित रहेंगे।

भारत-मॉरीशस संबंधों का प्रमाण

रामगुलाम ने इस यात्रा को भारत और मॉरीशस के बीच मजबूत कूटनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि भारत वर्षों से मॉरीशस के विकास कार्यों, बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं और रणनीतिक साझेदारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

उन्होंने पीएम मोदी की हालिया फ्रांस और अमेरिका यात्राओं का भी उल्लेख किया और कहा कि मोदी लगातार वैश्विक नेताओं से मिलकर अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत कर रहे हैं। इसके बावजूद, उनका मॉरीशस दौरा इस विशेष संबंध को दर्शाता है जो दोनों देशों के बीच मौजूद है।

मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में पूर्व भारतीय गणमान्य व्यक्ति

भारत हमेशा से मॉरीशस के विकास और साझेदारी का अहम भागीदार रहा है। मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में भारतीय नेताओं को अक्सर आमंत्रित किया जाता रहा है।

  • 2023 में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया था, जिससे भारत के मजबूत कूटनीतिक संबंधों की पुन: पुष्टि हुई।
  • अतीत में भी कई भारतीय गणमान्य व्यक्ति मॉरीशस के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेते रहे हैं, जो दोनों देशों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाता है।

भारत-मॉरीशस संबंध: एक मजबूत साझेदारी

भारत और मॉरीशस के संबंध साझा इतिहास, संस्कृति और आर्थिक सहयोग पर आधारित हैं। दोनों देश विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग करते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

1. आर्थिक और व्यापारिक सहयोग

भारत मॉरीशस के सबसे बड़े व्यापार और निवेश भागीदारों में से एक है। दोनों देशों के बीच समग्र आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौते (CECPA) पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिससे व्यापार और निवेश के अवसरों में वृद्धि हुई है।

2. बुनियादी ढांचे का विकास

भारत मॉरीशस की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में सक्रिय भागीदार रहा है। कुछ प्रमुख परियोजनाएं इस प्रकार हैं:

  • मेट्रो एक्सप्रेस प्रोजेक्ट – मॉरीशस में शहरी परिवहन को बेहतर बनाने के लिए।
  • सुप्रीम कोर्ट भवन का नवीनीकरण – न्याय प्रणाली को मजबूत करने के लिए।
  • सोशल हाउसिंग प्रोजेक्ट – नागरिकों को सस्ती आवासीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए।

3. रक्षा और सुरक्षा सहयोग

भारत और मॉरीशस समुद्री सुरक्षा, रक्षा प्रशिक्षण और संयुक्त सैन्य अभ्यास में सहयोग करते हैं। भारतीय नौसेना मॉरीशस की समुद्री सुरक्षा क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

4. सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध

मॉरीशस में भारतीय मूल के लोगों की एक बड़ी संख्या है, जो वहां की कुल जनसंख्या का लगभग 70% है। इसके कारण दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक और भाषाई संबंध बने हुए हैं। भोजपुरी, हिंदी और तमिल जैसी भारतीय भाषाएं मॉरीशस में व्यापक रूप से बोली जाती हैं।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा भारत और मॉरीशस के ऐतिहासिक और घनिष्ठ संबंधों को और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह केवल एक औपचारिक यात्रा नहीं, बल्कि भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति और वैश्विक कूटनीति में भारत की बढ़ती भूमिका का संकेत भी है।

शीर्षक विवरण
क्यों चर्चा में? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 मार्च 2025 को मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे। मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम ने इस यात्रा की घोषणा की और भारत-मॉरीशस के मजबूत द्विपक्षीय संबंधों पर जोर दिया।
मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस का महत्व मॉरीशस हर साल 12 मार्च को अपना राष्ट्रीय दिवस मनाता है, जो 1968 में ब्रिटिश शासन से मिली स्वतंत्रता की वर्षगांठ का प्रतीक है। पीएम मोदी की उपस्थिति भारत और मॉरीशस की ऐतिहासिक मित्रता को और सुदृढ़ करेगी।
पीएम मोदी की यात्रा का महत्व यह यात्रा भारत और मॉरीशस के बीच कूटनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाती है। मॉरीशस भारत की क्षेत्रीय आउटरीच नीति में एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
मॉरीशस के प्रधानमंत्री का बयान नवीन रामगुलाम ने पीएम मोदी की मेजबानी को “अत्यंत सम्मान” बताया, यह दर्शाते हुए कि व्यस्त अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के बावजूद पीएम मोदी ने मॉरीशस के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है।
पूर्व भारतीय गणमान्य व्यक्तियों की भागीदारी 2023 में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई थीं, जिससे भारत-मॉरीशस के मजबूत कूटनीतिक संबंधों की पुष्टि हुई।
भारत-मॉरीशस संबंध विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत साझेदारी:
आर्थिक और व्यापारिक सहयोग भारत मॉरीशस का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, और समग्र आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौते (CECPA) जैसे समझौतों ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा दिया है।
बुनियादी ढांचा विकास भारत मॉरीशस में प्रमुख परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण करता है: – मेट्रो एक्सप्रेस प्रोजेक्ट (शहरी परिवहन) – सुप्रीम कोर्ट भवन का नवीनीकरणसोशल हाउसिंग प्रोजेक्ट
रक्षा और सुरक्षा सहयोग समुद्री सुरक्षा, सैन्य प्रशिक्षण और नौसेना सहयोग के माध्यम से मॉरीशस की सुरक्षा को मजबूत करना।
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध मॉरीशस की 70% आबादी भारतीय मूल की है, जिससे दोनों देशों के बीच मजबूत भाषाई और सांस्कृतिक संबंध बने हुए हैं। (भोजपुरी, हिंदी और तमिल व्यापक रूप से बोली जाती हैं)।
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