PM Modi ने तूतीकोरिन हवाई अड्डा के नए टर्मिनल का किया उद्धाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तूतीकोरिन हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया और तमिलनाडु में ₹4,800 करोड़ की लागत वाली कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं का उद्देश्य राज्य में, विशेष रूप से डेल्टा और बंदरगाह-आधारित क्षेत्रों में, संपर्क, व्यापार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।

पृष्ठभूमि
तमिलनाडु दक्षिण भारत में व्यापार, उद्योग और सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। तूतिकोरिन, जो वी. ओ. चिदंबरनार पोर्ट के पास स्थित है, समुद्री व्यापार के लिए एक प्रमुख द्वार के रूप में कार्य करता है। पिछले एक दशक में केंद्र सरकार ने राज्य के बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है—जिसमें हवाई अड्डे, राजमार्ग, बंदरगाह और रेलवे संपर्क शामिल हैं—ताकि तमिलनाडु को राष्ट्रीय विकास का इंजन बनाया जा सके।

महत्त्व
नया टर्मिनल और अन्य अधोसंरचना परियोजनाएं “विकसित भारत” की केंद्र सरकार की दृष्टि को दर्शाती हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य लॉजिस्टिक्स को आसान बनाना, व्यापार प्रवाह में सुधार लाना और तमिलनाडु के सांस्कृतिक व कृषि केंद्रों को वैश्विक बाजारों से जोड़ना है। इस क्षेत्र में बेहतर बुनियादी ढांचा पर्यटन, बंदरगाह आधारित विकास और औद्योगिक प्रगति को बढ़ावा देगा, जिससे तमिलनाडु आर्थिक विस्तार का प्रमुख स्तंभ बनेगा।

उद्देश्य
इन पहलों का मुख्य उद्देश्य बहु-माध्यम संपर्क (multi-modal connectivity) को मजबूत करना है—जिसमें हवाई अड्डे, राजमार्ग, बंदरगाह और रेलवे एकीकृत रूप से काम करें। सरकार तमिलनाडु के बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण करना, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना और माल एवं यात्रियों की तेज़, कुशल ढुलाई सुनिश्चित करना चाहती है।

परियोजनाओं की प्रमुख विशेषताएं

तूतिकोरिन हवाई अड्डा टर्मिनल:
17,340 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ, वार्षिक 20 लाख यात्रियों की क्षमता वाला नया टर्मिनल।

राजमार्ग परियोजनाएं:

  • एनएच-36 के सेतियाथोप–चोलापुरम खंड (50 किमी) का चार-लेन विस्तार, जिसमें तीन बाईपास शामिल।

  • कोल्लिडम नदी पर 1 किमी लंबा चार-लेन पुल, चार बड़े पुल, सात फ्लाईओवर और कई अंडरपास का निर्माण।

बंदरगाह परियोजना:

  • वी. ओ. चिदंबरनार पोर्ट पर ₹285 करोड़ की लागत से नॉर्थ कार्गो बर्थ-III का उद्घाटन।

रेलवे परियोजनाएं:

  • मदुरै–बोदिनायक्कनूर रेलखंड (99 किमी) का विद्युतीकरण।

  • नागरकोइल टाउन–कन्याकुमारी खंड (21 किमी) का दोहरीकरण (₹650 करोड़)।

  • अरलवैमोज़ी–नागरकोइल जंक्शन और तिरुनेलवेली–मेलप्पालयम खंडों का भी दोहरीकरण।

इन परियोजनाओं के माध्यम से तमिलनाडु को एक प्रमुख लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

भारत में कॉफी बागान: वैश्विक रैंक, क्षेत्र, इतिहास, आवश्यकताएँ और महत्व

भारत में कॉफी बागान एक वैश्विक रूप से महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि है, जो जैव-विविधता संरक्षण,…

2 hours ago

सिंगापुर चांगी एयरपोर्ट ने 2025 का दुनिया के सबसे अच्छे एयरपोर्ट का खिताब जीता

सिंगापुर के चांगी एयरपोर्ट ने एक बार फिर वैश्विक विमानन क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता साबित…

2 hours ago

पारंपरिक चिकित्सा पर दूसरा WHO ग्लोबल समिट नई दिल्ली में शुरू

द्वितीय WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन 2025 का औपचारिक शुभारंभ 17 दिसंबर 2025 को…

2 hours ago

नरपुह वन्यजीव अभयारण्य: संरक्षण चुनौतियाँ और पारिस्थितिक महत्व

हाल ही में वैज्ञानिकों और संरक्षण विशेषज्ञों ने नरपुह (Narpuh) वन्यजीव अभयारण्य को लेकर गंभीर…

5 hours ago

फीफा बेस्ट फुटबॉल अवॉर्ड्स 2025 में विजेताओं की सूची

फीफा बेस्ट फ़ुटबॉल अवॉर्ड्स 2025 का आयोजन दोहा, क़तर में किया गया, जहाँ पिछले वर्ष…

5 hours ago

अल्पसंख्यक अधिकार दिवस 2025: भारत में संविधान, नीतियां और जागरूकता

भारत में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस 2025, जो 18 दिसंबर को मनाया जाता है, सभी नागरिकों…

5 hours ago