प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY), जिसे 28 अगस्त 2014 को शुरू किया गया था, का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को बैंकिंग सुविधाओं तक सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करना था, विशेषकर उन लोगों के लिए जो वित्तीय प्रणाली से बाहर थे। ग्यारह साल बाद, यह योजना दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय समावेशन कार्यक्रम बन चुकी है, जिसने बैंकिंग पहुँच का विस्तार किया, बचत को बढ़ावा दिया और करोड़ों लोगों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) और डिजिटल सेवाओं के माध्यम से सशक्त किया।
PMJDY से पहले—
केवल 59% भारतीय परिवारों और 35% वयस्कों के पास बैंक खाता था।
2025 तक:
लगभग 100% परिवार और 90% से अधिक वयस्क बैंकिंग प्रणाली से जुड़े हैं।
56.2 करोड़ PMJDY खाते खोले गए (मार्च 2015 की तुलना में चार गुना वृद्धि)।
37.5 करोड़ खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में, जबकि 18.7 करोड़ खाते शहरी क्षेत्रों में हैं।
इस वित्तीय सशक्तिकरण ने अनौपचारिक साहूकारों पर निर्भरता घटाई और ग्रामीण ऋणजाल से बाहर निकलने में मदद की।
56% PMJDY खाते महिलाओं के नाम पर हैं।
इससे महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता बढ़ी और
सरकारी कल्याण योजनाओं
स्वयं सहायता समूहों (SHGs) में उनकी भागीदारी सशक्त हुई।
38.7 करोड़ से अधिक रूपे कार्ड जारी किए गए।
अब PMJDY खाते केवल DBT ही नहीं, बल्कि—
बचत
सूक्ष्म बीमा
निवेश उत्पादों
के लिए भी उपयोग हो रहे हैं।
PMJDY की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि—
सब्सिडी और सरकारी सहायता सीधे खातों में जाती है।
इसके लाभ:
तेज़ प्रक्रिया, देरी में कमी
भ्रष्टाचार-मुक्त, रिसाव पर रोक
पारदर्शी प्रणाली, निगरानी आसान
यह तंत्र नोटबंदी और कोविड-19 संकट के दौरान भी महत्वपूर्ण रहा, जब आपातकालीन वित्तीय सहायता शीघ्र पहुँचाई गई।
16.2 लाख से अधिक बैंक मित्र (बिज़नेस करेस्पॉन्डेंट) तैनात किए गए।
99.9% आबादी वाले गाँवों में 5 किमी के भीतर बैंकिंग आउटलेट (शाखा, करेस्पॉन्डेंट, या डाक बैंक) उपलब्ध है।
इस व्यापक पहुँच ने PMJDY को विशेषकर पिछड़े क्षेत्रों के लिए समेकित वित्तीय सेवाओं का द्वार बना दिया है।
PMJDY खातों से जन सुरक्षा योजनाओं में आसानी से नामांकन संभव हुआ, जैसे—
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY): ₹2 लाख का जीवन बीमा
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY): ₹2 लाख का दुर्घटना बीमा
इन योजनाओं ने असंगठित क्षेत्र के करोड़ों लोगों को आर्थिक सुरक्षा जाल उपलब्ध कराया।
विश्व बैंक की Findex 2024 रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 15+ आयु वर्ग के 89% लोगों के पास बैंक खाता है।
NSS 2022–23 सर्वेक्षण के अनुसार यह आँकड़ा और भी अधिक, 94.65% है।
PMJDY खातों में कुल शेष राशि बढ़कर ₹2.68 लाख करोड़ हो गई है (2015 की तुलना में 17 गुना वृद्धि), जो औपचारिक बैंकिंग व्यवस्था में जनता के बढ़ते भरोसे को दर्शाता है।
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]हर साल विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया जाता है। मृदा को आम बोलचाल…
अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम…
यूनाइटेड नेशंस (UN) एक बड़े इंस्टीट्यूशनल सिस्टम के ज़रिए काम करता है जिसे UN सिस्टम…
मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 4 दिसंबर 2025 को 73…
भारत विश्व की कुल जैव विविधता का लगभग 8% हिस्सा अपने भीतर समेटे हुए है।…
भारत में आधार का उपयोग लगातार तेजी से बढ़ रहा है। नवंबर 2025 में, आधार…