राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) उस समय विवादों में घिर गई थी जब ऐसी खबरें आई थीं कि वह सीबीएसई की 10वीं कक्षा की विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों से लोकतंत्र, राजनीतिक दलों, डार्विन के सिद्धांत और पीरियाडिक टेबल के अध्यायों को हटा देगी।
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इस अभ्यास का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि वैकल्पिक शिक्षण मोड में बदलाव से छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो। जब ऐसी खबरें आईं कि एनसीईआरटी अध्यायों और विषयों को हटा रहा है, तो वैज्ञानिक समुदाय ने इस कदम की आलोचना की और चेतावनी दी कि अगर तत्काल कार्रवाई नहीं की गई, तो भारत अंधेरे के युग में प्रतिगमन का सामना कर सकता है।
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