भारत में 17 दिसंबर को प्रतिवर्ष पेंशनर्स डे मनाया जाता है, जो डी.एस. नकरा को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने पेंशनभोगियों के अधिकारों और सम्मान के लिए संघर्ष किया। यह दिन 1982 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले की याद दिलाता है, जिसने सेवानिवृत्त अधिकारियों के लिए समानता और न्याय सुनिश्चित किया।
1982 में सुप्रीम कोर्ट ने डी.एस. नकरा द्वारा दायर याचिका पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया। यह मामला पेंशन लाभों के भेदभावपूर्ण नियमों के खिलाफ था।
महत्व: पेंशन योजनाएँ वित्तीय आत्मनिर्भरता, दीर्घकालिक सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता प्रदान करती हैं, जिससे सेवानिवृत्त जीवन सम्मानजनक और सुरक्षित बनता है।
| सारांश/स्थिर विवरण | विवरण |
| क्यों चर्चा में? | पेंशनर्स डे प्रतिवर्ष 17 दिसंबर को मनाया जाता है। यह डी.एस. नकरा के पेंशन समानता के लिए संघर्ष और 1982 के ऐतिहासिक सुप्रीम कोर्ट निर्णय को समर्पित है। |
| पेंशनर्स डे का इतिहास | यह दिन सुप्रीम कोर्ट के 1982 के निर्णय की याद दिलाता है, जिसमें डी.एस. नकरा (सेवानिवृत्त रक्षा विभाग अधिकारी) द्वारा 1979 के भेदभावपूर्ण पेंशन नियमों को चुनौती दी गई थी। |
| पेंशन प्रणाली की उत्पत्ति | औपनिवेशिक युग: 1881 में रॉयल कमीशन द्वारा पेंशन प्रणाली शुरू की गई। पूर्व-स्वतंत्रता: 1919 और 1935 के अधिनियमों के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों को पेंशन लाभ मिले। |
| स्वतंत्रता पश्चात सुधार | 1972 के केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमों के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति लाभ दिए गए। 33 वर्षों की सेवा पर अंतिम 36 महीनों के औसत वेतन का 50% पेंशन के रूप में निर्धारित किया गया। |
| 1982 का सुप्रीम कोर्ट निर्णय | सभी पेंशनभोगियों को समान पेंशन का लाभ मिला, सेवानिवृत्ति तिथि पर आधारित भेदभाव समाप्त हुआ। यह निर्णय सशस्त्र बलों के कर्मचारियों पर भी लागू हुआ। इसे “पेंशनभोगियों का मैग्ना कार्टा” कहा गया। |
| पेंशनभोगियों की चुनौतियाँ | 1. भागीदारी पेंशन योजना (2004): नई नियुक्तियों के लिए लागू; पुराने कर्मचारी अस्थायी रूप से बाहर थे। 2. PFRDA अधिनियम (2013): NPS के तहत पेंशन फंडों को विनियमित किया गया। |
| 7वां वेतन आयोग | सीमित लाभों के साथ मामूली सुधार। कोविड-19 (जनवरी 2020-जून 2021) के दौरान महंगाई भत्ता फ्रीज होने से आर्थिक दबाव पड़ा। |
| एकीकृत पेंशन योजना (2024) | अगस्त 2024 में मंजूर की गई यह योजना पेंशन नीतियों को सरल बनाने और पेंशनभोगियों के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखती है। |
| पेंशन योजनाओं की विशेषताएँ | 1. निश्चित आय: सेवानिवृत्ति के बाद नियमित आय। 2. कर लाभ: धारा 80C, 80CCC और 80CCD के तहत कर छूट। 3. तरलता: सीमित निकासी की सुविधा। 4. वेस्टिंग आयु: 45-70 वर्ष, कुछ योजनाओं में 90 वर्ष तक। 5. संचय अवधि: निवेश की अवधि (जैसे 30-60 वर्ष)। 6. भुगतान अवधि: पेंशन भुगतान की अवधि (जैसे सेवानिवृत्ति के बाद 15 वर्ष)। 7. समर्पण मूल्य: समय से पहले योजना छोड़ने पर लाभ का नुकसान। |
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