हाल ही में पेटीएम ने सेबी के पूर्व पूर्णकालिक निदेशक राजीव कृष्णमुरलीलाल अग्रवाल को पांच साल के कार्यकाल के लिए अपना गैर-कार्यकारी स्वतंत्र निदेशक नियुक्त किया है। यह बदलाव नीरज अरोड़ा के इस्तीफे के साथ हुआ है, जिन्होंने व्यस्तता और व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया था।
व्हाट्सएप और फेसबुक के विलय के लिए बातचीत में अहम भूमिका निभाने वाले नीरज अरोड़ा ने 17 जून, 2024 को पेटीएम के गैर-कार्यकारी स्वतंत्र निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया। वह मेटा की कंपनी वाट्सऐप के एग्जिक्युटिव रह चुके हैं और गूगल के साथ भी जुड़े रह चुके हैं। मौजूदा समय में नीरज अरोड़ा HalloApp के फाउंडर हैं। इससे पहले भी नीरज ने 2018 में कंपनी से इस्तीफा दिया था, लेकिन 2021 में उन्होंने फिर से कंपनी ज्वाइन कर ली थी और अब उन्होंने फिर इस्तीफा दे दिया है।
राजीव अग्रवाल पेटीएम के बोर्ड में व्यापक विशेषज्ञता लेकर आए हैं, उन्हें प्रतिभूति बाज़ारों और विनियामक मामलों में चार दशकों से ज़्यादा का अनुभव है। राजीव अग्रवाल अब पेटीएम के नॉन-एग्जिक्युटिव इंडिपेंडेंट डायरेक्टर हैं। वह पेटीएम में तुरंत प्रभाव से शामिल हो गए हैं और अगले 5 सालों तक इस पोजीशन पर बने रहेंगे। राजीव अग्रवाल एक पूर्व इंडियन रेवेन्यू सर्विसेस ऑफिसर हैं, जो मौजूदा समय में U GRO Capital, Star Health, TRUST Mutual Fund और ACC Limited जैसी कंपनियों को स्वतंत्र निदेशक के रूप में सेवाएं दे रहे हैं।
पेटीएम के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने अग्रवाल की नियुक्ति पर उत्साह व्यक्त किया और विनियामक ढांचे को बेहतर बनाने में उनके योगदान पर जोर दिया। पेटीएम देश भर में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के अपने मिशन में नवाचार और विकास पर केंद्रित है।
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