हिंदू कैलेंडर के अनुसार, परशुराम जयंती बैसाख महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया को पड़ती है और ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, परशुराम की जयंती अप्रैल या मई में होती है। परशुराम जयंती को देश के कई हिस्सों में अक्षय तृतीया के रूप में भी मनाया जाता है। यह भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम के जन्म को दर्शाता है। भगवान परशुराम को कुल्हाड़ी के साथ भगवान राम का अवतार कहा जाता है, वह क्षत्रियों की क्रूरता से पृथ्वी को बचाने के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुए थे। वर्ष 2022 में परशुराम जयंती 3 मई को है और यह 4 मई 2022 को सुबह 5:18 से शुरू होकर 7:32 बजे तक है।
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हम परशुराम जयंती क्यों मनाते हैं (Why do we celebrate Parshuram Jayanti)?
परशुराम जयंती के अनुष्ठान क्या हैं (What are the rituals of Parshuram Jayanti)?
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