जानें कौन हैं पराग जैन? सरकार ने बनाया RAW का नया चीफ

केंद्र सरकार ने पंजाब कैडर के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी पराग जैन को रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) का नया प्रमुख नियुक्त किया है। पराग, रवि सिन्हा की जगह लेंगे, जिनका मौजूदा कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है। जैन 1 जुलाई 2025 को दो साल के निश्चित कार्यकाल के लिए पदभार ग्रहण करेंगे।

पृष्ठभूमि: ऑपरेशन सिंदूर और इसकी रणनीतिक महत्ता

पराग जैन की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारत ने एक उच्च-स्तरीय खुफिया और सैन्य अभियान “ऑपरेशन सिंदूर” को अंजाम दिया। यह अभियान 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए एक भीषण आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। भारतीय एजेंसियों ने हमले का संबंध पाकिस्तान के “डीप स्टेट” द्वारा समर्थित आतंकी संगठनों से जोड़ा।

भारत ने इस हमले के जवाब में पाक-अधिकृत क्षेत्रों में गहराई तक सटीक हमले किए, जो पूरी तरह से रियल-टाइम खुफिया जानकारी, हवाई निगरानी और ज़मीनी समन्वय पर आधारित थे। ऑपरेशन सिंदूर एक गोपनीय, बहु-एजेंसी प्रतिउत्तर था जिसका उद्देश्य स्पष्ट लेकिन सीमित सैन्य कार्रवाई के माध्यम से सख्त संदेश देना था, ताकि पूर्ण युद्ध से बचा जा सके।

10 मई 2025 को चार दिनों की तीव्र सीमा-पार झड़पों के बाद संघर्षविराम समझौता हुआ। खुफिया सूत्रों के अनुसार, पराग जैन ने इस अभियान के दौरान खुफिया समन्वय और संचालन में पर्दे के पीछे से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे उनकी विश्वसनीयता और नेतृत्व क्षमता प्रमाणित हुई और रॉ प्रमुख के रूप में उनकी नियुक्ति को बल मिला।

पराग जैन: नए रॉ प्रमुख की प्रोफ़ाइल

आईपीएस पृष्ठभूमि और करियर यात्रा

पराग जैन 1989 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं और पंजाब कैडर से आते हैं। अपने तीन दशक से अधिक लंबे विशिष्ट सेवा काल में उन्होंने रणनीतिक सोच, संचालन नेतृत्व, और रणनीतिक खुफिया के क्षेत्र में एक मजबूत पहचान बनाई है। अपने करियर के प्रारंभिक वर्षों में उन्होंने पंजाब के आतंकवाद-प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न महत्वपूर्ण जिलों में कार्य किया, जहाँ उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) और उप महानिरीक्षक (DIG) जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए जमीनी अनुभव अर्जित किया। इन कठिन परिस्थितियों में कार्य करते हुए पराग जैन ने संकट प्रबंधन और सुरक्षा संचालन में अपनी दक्षता सिद्ध की।

रॉ में कार्यकाल और प्रमुख जिम्मेदारियाँ

पराग जैन ने रॉ (RAW) में 20 वर्षों से अधिक समय तक सेवाएं दी हैं, जिसके दौरान उन्होंने भारत की बाह्य खुफिया प्रणाली की गहराई से समझ विकसित की। वे विशेष रूप से पाकिस्तान डेस्क पर अपने कार्य के लिए जाने जाते हैं, जहाँ उन्होंने सीमा-पार जासूसी, आतंकी वित्त पोषण की निगरानी और आतंक-रोधी खुफिया संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उनकी विदेशों में रणनीतिक तैनातियाँ भी उल्लेखनीय रही हैं। उन्होंने भारत के श्रीलंका और कनाडा स्थित मिशनों में सेवाएं दीं। कनाडा में तैनाती के दौरान, पराग जैन ने खालिस्तानी आतंक नेटवर्क की पहचान और उसे निष्क्रिय करने में अहम योगदान दिया, जो प्रवासी भारतीय समुदाय में पुनः उभरती अलगाववादी गतिविधियों के संदर्भ में अत्यंत संवेदनशील कार्य था।

वर्तमान भूमिका: एविएशन रिसर्च सेंटर (ARC)

रॉ प्रमुख बनने से पहले पराग जैन ने एविएशन रिसर्च सेंटर (ARC) का नेतृत्व किया, जो रॉ का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है। यह केंद्र हवाई निगरानी, सिग्नल इंटरसेप्शन, और उपग्रह चित्र विश्लेषण के लिए जिम्मेदार है। उनके कार्यकाल में ARC ने हवाई टोही तकनीकों में उल्लेखनीय प्रगति की, जिसका ऑपरेशन सिंदूर के दौरान रियल-टाइम निगरानी और योजना निर्माण में अहम योगदान रहा।

स्थानांतरण और कार्यकाल

पराग जैन 1 जुलाई 2025 से रॉ (RAW) के नए प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालेंगे। वे रवि सिन्हा का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 30 जून 2025 को समाप्त हो रहा है। उच्च सरकारी सूत्रों के अनुसार, पराग जैन का प्रारंभिक कार्यकाल दो वर्षों का होगा, जिसे प्रदर्शन और राष्ट्रीय सुरक्षा की आवश्यकताओं के आधार पर आगे बढ़ाया जा सकता है।

नियुक्ति के रणनीतिक प्रभाव

पराग जैन की नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है जब वैश्विक खुफिया युद्ध, क्षेत्रीय अस्थिरता, और अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्कों से खतरा बढ़ता जा रहा है। उनकी मैदान स्तर की व्यापक अनुभव, पाकिस्तान की गुप्त रणनीतियों की गहरी समझ, और प्रवासी समुदाय से जुड़े उग्रवाद की जानकारी उन्हें RAW को इन उभरते खतरों से निपटने में सक्षम बनाती है।

इसके अतिरिक्त, ड्रोन आधारित निगरानी और एआई आधारित खतरा मैपिंग जैसे तकनीकी खुफिया प्लेटफ़ॉर्मों में जैन की विशेषज्ञता, भारत सरकार की तकनीक-सक्षम खुफिया प्रणाली की दिशा में पहल के अनुरूप है। यह नियुक्ति आने वाले समय में भारत की खुफिया क्षमताओं को अधिक उन्नत और प्रतिक्रियाशील बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

ICC Men’s Player of Month: साइमन हार्मर नवंबर के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बने

दक्षिण अफ्रीका के ऑफ़ स्पिनर साइमन हार्मर को नवंबर 2025 के लिए ICC मेन्स प्लेयर…

2 hours ago

भारत और ब्राजील ने स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के रखरखाव पर त्रिपक्षीय MoU पर हस्ताक्षर किए

भारत और ब्राज़ील ने स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों के रखरखाव से संबंधित एक त्रिपक्षीय समझौता…

2 hours ago

Vijay Diwas 2025 : जानें 16 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है विजय दिवस

विजय दिवस, जिसे विक्ट्री डे या बिजॉय डिबोस भी कहा जाता है, भारत और बांग्लादेश…

3 hours ago

भारत में बना पहला स्वदेशी 1.0 GHz माइक्रोप्रोसेसर, जानें इससे कैसे होगा फायदा?

भारत ने DHRUV64 के प्रक्षेपण के साथ तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि…

3 hours ago

बी. साईराम कोल इंडिया लिमिटेड के नए सीएमडी बने

कोयला मंत्रालय ने बी. साईराम को कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) का नया अध्यक्ष एवं प्रबंध…

4 hours ago

शेफाली वर्मा ने नवंबर महीने के लिए ICC महिला प्लेयर ऑफ द मंथ का अवॉर्ड जीता

भारतीय प्रारंभिक बल्लेबाज शेफाली वर्मा को आईसीसी का नवंबर महीने का 'माह का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी'…

5 hours ago