केंद्र सरकार ने पूर्व चीफ जस्टिस केजी बालकृष्णन की अध्यक्षता में एक आयोग गठित किया है। यह आयोग उन लोगों को अनुसूचित जाति (SC) का दर्जा देने पर विचार करेगा, जिनका ऐतिहासिक रूप से अनुसूचित जाति से ताल्लुक है लेकिन उन्होंने दूसरा धर्म अपना लिया है। संविधान में कहा गया है कि हिंदू या सिख धर्म या बौद्ध धर्म के अलावा किसी अन्य धर्म को मानने वाले व्यक्ति को अनुसूचित जाति का सदस्य नहीं माना जा सकता है।
Bank Maha Pack includes Live Batches, Test Series, Video Lectures & eBooks
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की तरफ जारी अधिसूचना के अनुसार, तीन सदस्यीय आयोग में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डॉ. रविंदर कुमार जैन और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सदस्य प्रोफेसर सुषमा यादव भी शामिल हैं। आयोग यह भी तय करेगा कि अगर उन्हें एससी का दर्जा दिया जाता है तो मौजूदा अनुसूचित जातियों पर इसका क्या असर पड़ेगा। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि इन लोगों के अन्य धर्मों में परिवर्तित होने के बाद, रीति-रिवाजों, परंपराओं और सामाजिक भेदभाव और अभाव की स्थिति में कैसा बदलाव आया। आयोग किसी भी अन्य संबंधित प्रश्नों पर भी मंथन कर सकता है।
केजी बालकृष्णन सुप्रीम कोर्ट ने पहले दलित चीफ जस्टिस थे। वह मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। अधिसूचना में कहा गया है कि यह मुद्दा मौलिक और ऐतिहासिक रूप से जटिल सामाजिक और संवैधानिक है। निश्चित रूप से यह सार्वजनिक महत्व का एक मामला है। इसकी संवेदनशीलता और प्रभाव को देखते हुए विस्तृत अध्ययन जरूरी है।
भारत राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा अभ्यास (भारत एनसीएक्स 2024) भारत की साइबर रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने…
चौथी राष्ट्रीय फिनस्विमिंग चैंपियनशिप 2024 का समापन पूरे भारत के तैराकों के शानदार प्रदर्शन के…
ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पुनीत गोयनका ने…
लक्ज़मबर्ग में जीटी ओपन 2024 में भारत की ज्योति सुरेखा वेन्नम ने बेल्जियम की सारा…
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज को आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन (एसीए) द्वारा…
ओडिशा ने 14वीं हॉकी इंडिया सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में शानदार जीत हासिल की, उसने चेन्नई…