भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा कि भारत कोविड -19 महामारी के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में से एक था और भारत को वैश्विक महामारी कोविड -19 के निशान से पूरी तरह से उबरने में 13 साल तक का समय लगेगा। भारत को उत्पादन, जीवन और आजीविका के मामले में दुनिया में सबसे बड़ी महामारी से बहुत नुकसान हुआ, जिसे ठीक होने में कई साल लग सकते हैं। दो साल बाद भी आर्थिक गतिविधि मुश्किल से प्री-कोविड स्तर तक पहुंच पाई है।
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प्रमुख बिंदु (Key points):
- पूर्व-कोविड वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत (2012-13 से 2019-20 के लिए CAGR) तक थी और मंदी के वर्षों को छोड़कर यह 7.1 प्रतिशत (2012-13 से 2016-17 के लिए CAGR) तक थी।
- 2020-21 के लिए (-) 6.6 प्रतिशत की वास्तविक विकास दर, 2021-22 के लिए 8.9 प्रतिशत और 2022-23 के लिए 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर और उससे आगे 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर को मानते हुए, भारत को 2034-35 में COVID-19 के नुकसान से उबरने की उम्मीद है।
रिपोर्ट के अनुसार (According to the report):
- आरबीआई की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि महामारी एक ऐतिहासिक क्षण है और महामारी द्वारा उत्प्रेरित चल रहे संरचनात्मक परिवर्तन संभावित रूप से मध्यम अवधि में विकास प्रक्षेपवक्र को बदल सकते हैं।
- अर्थव्यवस्था में औपचारिक-अनौपचारिक अंतर को ख़त्म करते हुए वृद्धि की प्रवृत्ति को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय पर निरंतर जोर, डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना और ई-कॉमर्स, स्टार्ट-अप, नवीकरणीय और आपूर्ति श्रृंखला रसद जैसे क्षेत्रों में नए निवेश के लिए बढ़ते अवसर बदले में योगदान दिया जा सकता है।