चीन के ‘बेल्ट एंड रोड’ इनिशिएटिव से बाहर निकला पनामा

पनामा ने आधिकारिक रूप से चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) से बाहर होने की घोषणा की है, जो एक महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक बदलाव को दर्शाता है। राष्ट्रपति जोसे राउल मुलिनो के इस फैसले से अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव साफ नजर आते हैं, खासकर पनामा नहर को लेकर। यह कदम पनामा की विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है, जिसमें अमेरिका के साथ संबंधों को मजबूत करना और देश में चीनी निवेश की समीक्षा करना शामिल है।

पनामा ने BRI में शुरुआत में शामिल होने का फैसला क्यों किया था?

पनामा ने 2017 में चीन की BRI पहल में शामिल होने का फैसला किया, जब उसने ताइवान से संबंध तोड़कर चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए। इस कदम का उद्देश्य एशिया और लैटिन अमेरिका के बीच व्यापार और बुनियादी ढांचे को मजबूत करना था

BRI के तहत, चीनी कंपनियों ने पनामा नहर पर चौथे पुल के निर्माण और पनामा सिटी में तीसरी मेट्रो लाइन जैसी बड़ी परियोजनाओं को अपने हाथ में लिया। इसके अलावा, पनामा से कोस्टा रिका तक $4.1 बिलियन की हाई-स्पीड रेल परियोजना की भी चर्चा हुई थी। ये परियोजनाएं पनामा को एक प्रमुख लॉजिस्टिक्स हब के रूप में स्थापित करने के लिए बनाई गई थीं।

हालांकि, समय के साथ पनामा में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंता बढ़ने लगी, खासकर पनामा नहर के पास चीनी कंपनियों द्वारा पोर्ट ऑपरेशन्स को लेकर। अमेरिका, जिसने ऐतिहासिक रूप से नहर पर प्रभाव बनाए रखा है, पनामा से इस संबंध में पुनर्विचार करने का आग्रह करने लगा।

पनामा ने BRI से हटने का फैसला क्यों किया?

अमेरिका ने पनामा में चीन की बढ़ती उपस्थिति को लेकर लगातार चिंता जताई है। हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने अपनी यात्रा के दौरान चीनी निवेश से जुड़े जोखिमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने चेतावनी दी कि पनामा नहर की तटस्थता को खतरा हो सकता है, क्योंकि यह मार्ग वैश्विक समुद्री व्यापार का 6% संचालन करता है। रुबियो ने कहा कि अगर पनामा ने चीन के प्रभाव को कम नहीं किया, तो अमेरिका नहर की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठा सकता है।

इन चिंताओं के मद्देनजर, राष्ट्रपति मुलिनो ने घोषणा की कि पनामा BRI समझौते का नवीनीकरण नहीं करेगा। यह समझौता 2026 में समाप्त होने वाला था, लेकिन इसे पहले ही समाप्त करने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है। इसके अलावा, सरकार चीनी निवेश, खासकर बंदरगाहों और लॉजिस्टिक्स ऑपरेशन्स, की समीक्षा कर सकती है। यह निर्णय पनामा द्वारा आर्थिक हितों और राजनीतिक तटस्थता के बीच संतुलन साधने के प्रयास को दर्शाता है।

चीन की प्रतिक्रिया क्या रही?

चीन ने अमेरिका पर पनामा पर दबाव डालने का आरोप लगाया और कहा कि BRI निवेश ने पनामा की अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है। बीजिंग ने पनामा से आग्रह किया कि वह बाहरी हस्तक्षेप से बचें और चीन के साथ दीर्घकालिक सहयोग बनाए रखें।

हालांकि, पनामा की यह वापसी एक व्यापक वैश्विक प्रवृत्ति को दर्शाती है, जिसमें कई देश BRI में अपनी भागीदारी की समीक्षा कर रहे हैं। ऋण निर्भरता और राजनीतिक प्रभाव को लेकर बढ़ती चिंताओं के कारण कई देशों ने या तो अपनी भागीदारी कम कर दी है या पूरी तरह समाप्त कर दी है। पनामा के इस निर्णय से लैटिन अमेरिका में भविष्य के चीनी निवेश पर भी प्रभाव पड़ सकता है।

पनामा और पनामा नहर का भविष्य क्या होगा?

पनामा नहर वैश्विक शक्ति संघर्ष का केंद्र बना हुआ है। अमेरिका ने विशेष रूप से पनामा नहर के दोनों किनारों पर चीनी कंपनियों की मौजूदगी को लेकर चिंता जताई है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यहां तक कहा था कि अगर चीन का प्रभाव नहीं रोका गया, तो अमेरिका फिर से नहर पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर सकता है

आगे चलकर, पनामा अमेरिका के साथ आर्थिक और राजनयिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ सकता है। सरकार अब चीन द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं के लिए वैकल्पिक निवेशकों की तलाश कर सकती है। यह निर्णय चीन और पश्चिमी शक्तियों के बीच बढ़ते वैश्विक विभाजन को भी उजागर करता है, जिसमें लैटिन अमेरिकी देश इस रणनीतिक लड़ाई के केंद्र में आ गए हैं

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

प्रधानमंत्री ने WHO ग्लोबल समिट में अश्वगंधा पर स्मारक डाक टिकट जारी किया

नई दिल्ली में आयोजित द्वितीय WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र…

20 hours ago

भारत और नीदरलैंड ने संयुक्त व्यापार और निवेश समिति (JTIC) का गठन किया

भारत और नीदरलैंड्स ने अपने आर्थिक साझेदारी संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक…

21 hours ago

जम्मू-कश्मीर को अपना पहला Gen Z पोस्ट ऑफिस मिला

जम्मू-कश्मीर ने सार्वजनिक सेवाओं के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।…

22 hours ago

ISRO ने RESPOND बास्केट 2025 लॉन्च किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने RESPOND Basket 2025 जारी किया है, जिसके तहत देशभर…

23 hours ago

PM मोदी ने किया गुवाहाटी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 दिसंबर 2025 को असम में लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई…

24 hours ago

मिची बेंटहॉस अंतरिक्ष में जाने वाली पहली व्हीलचेयर यूज़र बनकर इतिहास रचेंगी

जर्मन एयरोस्पेस इंजीनियर मिची बेंटहॉस अंतरिक्ष यात्रा करने वाली पहली व्हीलचेयर उपयोगकर्ता व्यक्ति बनने जा…

1 day ago