पाकिस्तान के ईसाई शख्स को मिली भारत की नागरिकता, जानें सबकुछ

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) इस साल देश में लागू हो गया है। इसी के तहत अब गोवा में रहने वाले पाकिस्तान के एक ईसाई वरिष्ठ नागरिक को भारत की नागरिकता दे दी गई है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शख्स को भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र दिया।

वर्तमान में दक्षिण गोवा के कंसौलिम में रहने वाले जोसेफ फ्रांसिस ए परेरा सीएए के तहत भारतीय नागरिकता पाने वाले राज्य के पहले व्यक्ति हैं। जोसेफ ने सीएए लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन किया था और एक महीने के अंदर ही मंजूरी मिल गई।

नागरिकता लेने के लिए आवेदन

बता दें, जोसेफ एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने देश की नागरिकता लेने के लिए आवेदन किया था। जबकि उनकी पत्नी पहले से ही भारत की नागरिक हैं।

साल 2013 में आए थे गोवा

उन्होंने कहा कि मैं साल 1960 में पाकिस्तान गया था और वहां मैंने अपनी शिक्षा पूरी की। मुझे बहरीन में 37 साल काम करने का मौका मिला। 2013 में सेवानिवृत्त के बाद मैं गोवा आ गया था और उसी समय से मैं अपने परिवार के साथ यहां रह रहा हूं। पाकिस्तान में बहुत सारे लोग हैं, लेकिन मैं वहां नहीं गया। मेरी पिछली यात्रा 1979 में हुई थी। जब मैं वहां स्कूली शिक्षा पूरी कर रहा थो तो मैंने बहुत चुनौतिपूर्ण समय देखा। वहां नौकरी के अवसर नहीं थे।

नागरिकता अधिनियम और सीएए

दिसंबर 2019 में पेश किया गया सीएए, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान से सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करता है, जो 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश कर चुके हैं। पात्र समूहों में हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं। सीएए के अनुसार, 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों से जुड़े लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी। इससे पहले भारत में अवैध तरीके से प्रवेश करने वाले लोगों को नागरिकता नहीं दी जाती थी।

वर्तमान स्थिति और सरकारी कार्रवाई

परेरा अब नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 6बी और धारा 5(1)(सी) के तहत भारतीय नागरिक के रूप में पंजीकृत हैं। मुख्यमंत्री सावंत ने कहा कि परेरा सीएए से लाभान्वित होने वाले पहले गोवावासी हैं, जबकि भारत भर में कई अन्य लोगों को भी इस संशोधन के माध्यम से नागरिकता मिली है। गोवा गृह विभाग सक्रिय रूप से ऐसे व्यक्तियों का सर्वेक्षण कर रहा है जो समान नागरिकता के लिए अर्हता प्राप्त कर सकते हैं और पात्र व्यक्तियों को सहायता के लिए सरकार से संपर्क करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

 

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vikash

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