तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन

विश्वविख्यात तबला वादक और पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन हो गया है। वह 73 वर्ष के थे। उनका संगीत और विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। परिवार के मुताबिक हुसैन इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से पीड़ित थे। उन्होंने कहा कि वे पिछले दो हफ्ते से सैन फ्रांसिस्को के अस्पताल में भर्ती थे।

प्रारंभिक जीवन: एक संगीत प्रतिभा

1951 में मुंबई में जन्मे ज़ाकिर हुसैन तबला के दिग्गज उस्ताद अल्ला रक्खा के पुत्र थे। बचपन से ही उन्होंने असाधारण प्रतिभा दिखाई और केवल सात साल की उम्र में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। अपने पिता से कठोर प्रशिक्षण प्राप्त करके, उन्होंने तबला वादन में महारत हासिल की। ज़ाकिर हुसैन ने तबले को एक संगत वाद्ययंत्र से एक शक्तिशाली एकल वाद्ययंत्र के रूप में ऊंचा स्थान दिलाया। उनकी तकनीकी दक्षता और भावपूर्ण वादन ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उन्होंने पंडित रवि शंकर और उस्ताद अमजद अली खान जैसे प्रसिद्ध संगीतकारों के साथ काम किया, जिससे भारतीय संगीत पर गहरी छाप छोड़ी।

अंतरराष्ट्रीय संगीत में योगदान

1970 में ज़ाकिर हुसैन ने शक्ति नामक संगीत समूह की सह-स्थापना की, जिसमें भारतीय शास्त्रीय संगीत और जैज़ का अनूठा संगम था। उन्होंने जॉन मैकलॉफलिन, जॉर्ज हैरिसन और ग्रेटफुल डेड के मिकी हार्ट जैसे कलाकारों के साथ काम किया। उनके समूह प्लैनेट ड्रम ने ग्रैमी पुरस्कार जीता, जिससे उनकी विभिन्न संगीत शैलियों को जोड़ने की प्रतिभा साबित हुई। ज़ाकिर हुसैन ने हीट एंड डस्ट और इन कस्टडी जैसी फिल्मों के लिए संगीत भी तैयार किया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बैले और ऑर्केस्ट्रा परियोजनाओं में काम करके भारतीय संगीत को विश्व स्तर पर नई पहचान दिलाई।

पुरस्कार और सम्मान

उस्ताद ज़ाकिर हुसैन को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें शामिल हैं:

  • पद्म भूषण (2002) और पद्म श्री (1988)
  • प्लैनेट ड्रम परियोजना के लिए ग्रैमी पुरस्कार
  • संगीत में उनके योगदान के लिए मानद उपाधियाँ

ये पुरस्कार उनके संगीत के प्रति समर्पण और भारतीय संस्कृति को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने में उनकी भूमिका का प्रमाण हैं।

ज़ाकिर हुसैन से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

  • जन्म: 1951, मुंबई, भारत
  • पिता: उस्ताद अल्ला रक्खा (तबला वादक)
  • प्रसिद्ध सहयोग: पंडित रवि शंकर, जॉन मैकलॉफलिन, जॉर्ज हैरिसन, मिकी हार्ट
  • प्रमुख परियोजनाएँ: शक्ति, प्लैनेट ड्रम
  • पुरस्कार: पद्म भूषण, पद्म श्री, ग्रैमी पुरस्कार
  • विरासत: तबले में क्रांति लाकर भारतीय संगीत को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई।
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

प्रधानमंत्री ने WHO ग्लोबल समिट में अश्वगंधा पर स्मारक डाक टिकट जारी किया

नई दिल्ली में आयोजित द्वितीय WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र…

3 hours ago

जम्मू-कश्मीर को अपना पहला Gen Z पोस्ट ऑफिस मिला

जम्मू-कश्मीर ने सार्वजनिक सेवाओं के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।…

5 hours ago

मिची बेंटहॉस अंतरिक्ष में जाने वाली पहली व्हीलचेयर यूज़र बनकर इतिहास रचेंगी

जर्मन एयरोस्पेस इंजीनियर मिची बेंटहॉस अंतरिक्ष यात्रा करने वाली पहली व्हीलचेयर उपयोगकर्ता व्यक्ति बनने जा…

9 hours ago

अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस 2025: इतिहास और महत्व

अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस 2025 हर वर्ष 20 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिवस…

11 hours ago

भारतीय टीम ने नासा स्पेस ऐप्स चैलेंज में ग्लोबल टॉप सम्मान हासिल किया

भारत के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को वैश्विक स्तर पर बड़ी पहचान मिली है। NASA इंटरनेशनल…

12 hours ago

Hurun India 2025: सेल्फ-मेड अरबपतियों में दीपिंदर गोयल नंबर वन

हुरुन रिच लिस्ट 2025 ने एक बार फिर भारत के तेज़ी से बदलते स्टार्टअप और…

12 hours ago