अमेरिका स्थित ओहमियम इंटरनेशनल (Ohmium International) ने बेंगलुरु, कर्नाटक में भारत की पहली ग्रीन हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर (green hydrogen electrolyzer) निर्माण इकाई शुरू की है। कारखाना भारत में निर्मित प्रोटॉन एक्सचेंज मेम्ब्रेन (Proton Exchange Membrane – PEM) हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर्स का निर्माण करेगा। ग्रीन हाइड्रोजन को गैर-जीवाश्म स्रोतों से बनाया जाता है, जबकि नीले हाइड्रोजन को जीवाश्म स्रोतों से बनाया जाता है। भारत में हरित हाइड्रोजन बनाने से आयात करने के बजाय निर्माताओं को लागत लाभ मिलेगा।
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गीगाफैक्टरी के बारे में:
गीगाफैक्ट्री भारत में निर्मित प्रोटॉन एक्सचेंज मेम्ब्रेन (Proton Exchange Membrane – PEM) हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर्स का निर्माण करेगी, जिसकी प्रारंभिक विनिर्माण क्षमता लगभग 500 मेगावाट प्रति वर्ष होगी और इसे प्रति वर्ष 2 गीगावाट तक बढ़ाएगी। पीईएम हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए मुख्य उपकरण है क्योंकि यह पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में तोड़ने के लिए अक्षय संसाधनों से उत्पन्न बिजली का उपयोग करता है।
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