प्रख्यात लेखिका पुष्पा भारती को उनके संस्मरण ‘यादें, यादें और यादें’ के लिए 2023 का व्यास सम्मान देने की घोषणा की गई है। के के बिरला फाउंडेशन द्वारा दिए जाने वाले इस सम्मान में चार लाख रुपये की पुरस्कार राशि के साथ प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न भेंट किया जाता है।
फाउंडेशन ने एक बयान में कहा कि हिंदी साहित्य के जाने-माने विद्वान प्रो. रामजी तिवारी की अध्यक्षता में एक चयन समिति ने लेखिका की कृति का चयन किया। समिति के अन्य सदस्यों में डा. श्याम सुंदर पांडेय, अरूणा गुप्ता, प्रो अनिल राय , डा. विजया सती और के के बिरला फाउंडेशन के निदेशक डा. सुरेश ऋतुपर्ण शामिल हैं।
भारती ने अपने संस्मरण ‘यादें, यादें और यादें’ में विभिन्न साहित्यकारों , विशेषत: हिंदी के चोटी के साहत्यकारों से संबंधित अविस्मरणीय संस्मरणों को रेखांकित किया है जिनमें माखनलाल चतुर्वेदी, अज्ञेय, महादेवी वर्मा, निराला, राही मासूम रजा, कमलेश्वर एवं कई अन्य शामिल हैं। यह किताब 2016 में प्रकाशित हुई थी।
व्यास सम्मान चयन वर्ष से ठीक पहले 10 वर्ष की अवधि में प्रकाशित किसी भी भारतीय नागरिक की हिंदी की एक उत्कृष्ट साहित्यिक कृति को भेंट किया जाता है। व्यास सम्मान की शुरुआत 1991 में की गई थी।
11 जून, 1935 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर में जन्मीं भारती की ‘शुभागता’, ‘ढाई आखर प्रेम के’, ‘सरस संवाद’, ‘सफर सुहाने’ समेत कई अन्य किताबें पाठकों के बीच बहुत लोकप्रिय हुई हैं। लेखिका महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी सम्मान 2008, हिंदी सेवा सम्मान-कालिदास अकादमी, उज्जैन और उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के साहित्य भूषण समेत अन्य सम्मान से सम्मानित की जा चुकी हैं।
अब से पहले यह सम्मान डा. रामविलास शर्मा, डा. शिवप्रसाद सिंह, गिरिजा कुमार माथुर, डा. धर्मवीर भारती, चित्रा मुद्गल, मृदुला गर्ग, मन्नू भंडारी और डा. ज्ञान चतुर्वेदी समेत विभिन्न साहित्यकारों को प्रदान किया जा चुका है।
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