भारत की राज्य राजनीति के एक ऐतिहासिक क्षण में, जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार आज, 20 नवंबर 2025 को सुबह 11:30 बजे पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं। यह महत्वपूर्ण घटना बिहार विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की शानदार जीत के बाद हो रही है, जिसमें गठबंधन ने 243 में से 202 सीटें हासिल कर प्रचंड बहुमत दर्ज किया। इस चुनावी सफलता ने राज्य में सत्ता के पुनर्स्थापन और राजनीतिक मजबूती की एक बार फिर पुष्टि की है।
NDA के विधायकों की बैठक (NDA meeting) में नीतीश कुमार को नेता चुना गया है। उनके नाम का प्रस्ताव बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने रखा, जिसका सभी विधायकों ने समर्थन किया। नीतीश कुमार 10वीं बार शपथ लेने जा रहे हैं। वह पहली बार 2000 में मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन बहुमत न मिलते ही 7 दिन बाद इस्तीफा दे दिया। इसके बाद Nitish Kumar ने 2005 में आरजेडी शासन को चुनौती देते हुए प्रचंड बहुमत से सत्ता में लौटे, यहीं से ‘गुड गवर्नेंस’ का उनका ब्रांड मजबूत हुआ।
नीतीश कुमार: राजनीतिक पुनर्निर्माण का एक दशक
नीतीश कुमार का यह शपथग्रहण उन्हें भारत के सबसे लंबे और लचीले राजनीतिक नेतृत्वकर्ताओं में firmly स्थापित करता है। उनका सफ़र — समाजवादी पृष्ठभूमि से लेकर दशकों में यूपीए और एनडीए, दोनों के साथ तालमेल बैठाने तक — राजनीतिक समय-सूझबूझ और सुशासन को प्राथमिकता देने की उनकी क्षमता को दर्शाता है।
यह उनका 10वां शपथग्रहण है, जो मार्च 2000 में पहले कार्यकाल (जो अल्पकालिक रहा) से शुरू हुई उनकी मुख्यमंत्री यात्रा को एक लंबी निरंतरता प्रदान करता है। इसके बाद से वह बिहार की राजनीति में एक केंद्रीय चेहरा बन चुके हैं, जिन्हें विशेष रूप से बुनियादी ढाँचे, क़ानून-व्यवस्था और सामाजिक कल्याण से जुड़ी सुधारों के लिए जाना जाता है।
एनडीए की जीत और सत्ता का ढांचा
2025 के बिहार विधानसभा चुनावों में एनडीए की प्रचंड जीत ने नीतीश कुमार की वापसी का मार्ग प्रशस्त किया। इस गठबंधन में शामिल हैं—
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भारतीय जनता पार्टी (BJP)
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जनता दल (यूनाइटेड)
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हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM)
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राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP)
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तथा अन्य क्षेत्रीय सहयोगी
202 सीटों का यह जनादेश हालिया राज्य चुनावों के सबसे बड़े परिणामों में से एक है।
विधानमंडलीय नेतृत्व के चयन
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सम्राट चौधरी (BJP) को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया।
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विजय सिन्हा को उपनेता बनाया गया।
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नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से एनडीए विधायक दल का नेता चुना गया, जिससे आज के शपथग्रहण का औपचारिक मार्ग प्रशस्त हुआ।
गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह
शपथग्रहण पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित हो रहा है, जो राजनीतिक और ऐतिहासिक महत्व का प्रतीक स्थल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल और एनडीए के प्रमुख नेता इस समारोह में उपस्थित रहने की संभावना है।
यह आयोजन राजनीतिक निरंतरता और नेतृत्व के बदलते समीकरणों दोनों को रेखांकित करता है—जहाँ भाजपा गठबंधन में अधिक प्रमुख भूमिका निभा रही है, वहीं नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री पद देकर गठबंधन की स्थिरता और संतुलन को मजबूत किया गया है।