नीति योग (NITI Aayog) ने एक मसौदा बैटरी स्वैपिंग नीति ज़ारी की है। इस नीति के तहत पहले चरण में बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क के विकास के लिए 40 लाख से अधिक आबादी वाले सभी महानगरीय शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी। दूसरे चरण में राज्यों की राजधानियों, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यालय और 5 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों जैसे सभी प्रमुख शहरों को कवर किया जाएगा।
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इसके अंतर्गत विकास कर रहे शहरों में दोपहिया और तिपहिया वाहनों को महत्व दिया गया है। मसौदा नीति के अनुसार, स्वैपेबल बैटरी वाले वाहनों को बिना बैटरी के बेचा जाएगा, जिससे संभावित इलेक्ट्रिक वाहन ख़रीददारों को कम ख़रीद लागत का लाभ मिलेगा।
बैटरी स्वैपिंग क्या है (What is Battery Swapping)?
- बैटरी स्वैपिंग एक विकल्प है जिसमें चार्ज की गई बैटरी से डिस्चार्ज बैटरी का आदान-प्रदान करना शामिल है। बैटरी स्वैपिंग वाहन और ईंधन (इस मामले में बैटरी) को डी-लिंक करती है और इसलिए वाहनों की अग्रिम लागत को कम करती है।
- बैटरी स्वैपिंग सामान्यतः छोटे वाहनों जैसे 2 और 3 पहिया वाहनों के लिए उपयोग की जाती है। दरअसल इनमें छोटी बैटरी होती हैं जिन्हें अन्य ऑटोमोटिव सेगमेंट की तुलना में स्वैप करना आसान होता है, इसे यंत्रवत् रूप से कार्यान्वित किया जा सकता है।
- बैटरी स्वैपिंग चार्जिंग की तुलना में तीन प्रमुख लाभ प्रदान करती है: यह समय, स्थान और लागत-कुशल है, बशर्ते प्रत्येक स्वैपेबल बैटरी सक्रिय रूप से उपयोग की जाती है।
- इसके अलावा, बैटरी स्वैपिंग अभिनव और टिकाऊ व्यापार मॉडल जैसे “बैटरी ऐज़ ए सर्विस (Battery As a Service)” के लिए एक समान अवसर प्रदान करता है।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे (Important takeaways for all competitive exams):
- नीति आयोग का गठन: 1 जनवरी, 2015;
- नीति आयोग मुख्यालय: नई दिल्ली;
- नीति आयोग के अध्यक्ष: नरेंद्र मोदी;
- नीति आयोग के उपाध्यक्ष: सुमन बेरी;
- नीति आयोग के सीईओ: अमिताभ कांत।