बौद्धिक विकलांग बच्चों के लिए संरचित शिक्षा हेतु एनआईईपीआईडी-जेवीएफ समझौता ज्ञापन

बौद्धिक दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चों (CwID) के लिए एक समान शैक्षिक सहायता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल करते हुए, नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एंपावरमेंट ऑफ पर्सन्स विद इंटेलेक्चुअल डिसएबिलिटीज़ (NIEPID) और जय वकील फाउंडेशन (JVF) ने एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी का उद्देश्य भारतभर में CwID के लिए एक मानकीकृत और विस्तार योग्य पाठ्यक्रम को लागू करना है।

पृष्ठभूमि
यह समझौता 18 जुलाई 2025 को मुंबई में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (DEPwD) के सचिव श्री राजेश अग्रवाल की उपस्थिति में संपन्न हुआ। यह पहल ‘दिशा अभियान’ का हिस्सा है, जो कि JVF द्वारा विकसित एक पाठ्यक्रम और कार्यान्वयन मॉडल है तथा NIEPID द्वारा प्रमाणित है।

महत्त्व
भारत में अब तक बौद्धिक रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए एक समान शिक्षा मॉडल का अभाव रहा है, जिससे सीखने के परिणामों में असमानता रही है। यह पहल संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDG 4: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और SDG 10: असमानताओं में कमी) के अनुरूप है और ‘विकसित भारत’ की समावेशी विकास की दृष्टि को समर्थन देती है।

उद्देश्य

  • NIEPID DISHA पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करना।

  • प्रत्येक छात्र के लिए व्यक्तिगत शिक्षा योजना (IEP) और शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण प्रदान करना।

  • क्षेत्रीय भाषाओं में डिजिटल उपकरणों और मुद्रित सामग्री का एकीकरण करना।

  • CDEIC केंद्रों, DDRS कार्यक्रमों और स्वैच्छिक स्कूलों तक कवरेज बढ़ाना।

मुख्य विशेषताएं

  • कौशल-आधारित IEPs के लिए NIEPID DISHA मूल्यांकन चेकलिस्ट।

  • VAKT पद्धति और ‘रुचि–शिक्षण–अनुप्रयोग’ मॉडल पर आधारित मल्टीसेंसरी पाठ्यक्रम।

  • मूल्यांकन ट्रैकिंग और पाठ्यक्रम सामग्री हेतु डिजिटल पोर्टल।

  • शिक्षकों और स्कूल नेताओं के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल।

  • DALM योजना के अंतर्गत मुद्रित सामग्री, जिसे अब बौद्धिक दिव्यांगता पर भी विस्तारित किया गया है।

प्रभाव
यह मॉडल पहले से ही महाराष्ट्र में सफलतापूर्वक लागू हो चुका है, जहां 453 स्कूलों, 18,000 से अधिक छात्रों और 2,600 से अधिक शिक्षकों को शामिल किया गया है। राष्ट्रीय स्तर पर इसके कार्यान्वयन से अंग्रेजी, हिंदी, मराठी और अन्य भाषाओं में मुफ्त और पुनः प्रयोज्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी। यह पहल न केवल शिक्षकों को सशक्त बनाएगी, बल्कि अभिभावकों की भागीदारी और विशेष शिक्षा में प्रणालीगत सुधार को भी प्रोत्साहित करेगी।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

World Soil Day 2025: जानें मृदा दिवस क्यों मनाया जाता है?

हर साल विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया जाता है। मृदा को आम बोलचाल…

26 mins ago

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 2025: इतिहास और महत्व

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम…

37 mins ago

संयुक्त राष्ट्र प्रणाली: मुख्य निकाय, कोष, कार्यक्रम और विशेष एजेंसियां

यूनाइटेड नेशंस (UN) एक बड़े इंस्टीट्यूशनल सिस्टम के ज़रिए काम करता है जिसे UN सिस्टम…

2 hours ago

मिज़ोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल का 73 वर्ष की उम्र में निधन

मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 4 दिसंबर 2025 को 73…

4 hours ago

Aadhaar प्रमाणीकरण लेनदेन नवंबर में 8.5 प्रतिशत बढ़कर 231 करोड़ हुए

भारत में आधार का उपयोग लगातार तेजी से बढ़ रहा है। नवंबर 2025 में, आधार…

5 hours ago