निकारागुआ ने 2 जून 2025 को विश्व व्यापार संगठन (WTO) के मत्स्य पालन सब्सिडी समझौते को औपचारिक रूप से स्वीकार कर लिया, जिससे वह इस ऐतिहासिक संधि को अपनाने वाला 101वां सदस्य देश बन गया। यह कदम विश्व स्तर पर हानिकारक मछली पकड़ने की प्रथाओं को रोकने और समुद्री जैव विविधता बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। WTO के महानिदेशक एनगोज़ी ओकोंजो-इवेला को निकारागुआ की राजदूत रोज़ालिया बोहोरक्वेज़ पालासियस द्वारा इस स्वीकृति का दस्तावेज सौंपा गया।
क्यों चर्चा में है?
निकारागुआ की औपचारिक स्वीकृति के साथ WTO के मत्स्य पालन सब्सिडी समझौते को अब तक 101 देशों की मंज़ूरी मिल चुकी है, जबकि 111 देशों की स्वीकृति के बाद ही यह समझौता प्रभाव में आएगा। यह मील का पत्थर अवैध, अपंजीकृत और अनियंत्रित (IUU) मछली पकड़ने, अतिरिक्त दोहन, और अनियंत्रित समुद्री क्षेत्रों में हानिकारक गतिविधियों पर लगाम लगाने के वैश्विक प्रयासों को मजबूती देता है।
पृष्ठभूमि: मत्स्य पालन सब्सिडी समझौता
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यह समझौता जून 2022 में जिनेवा में हुए 12वें WTO मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (MC12) में अपनाया गया था।
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यह WTO का पहला समझौता है जो समुद्री संसाधन संरक्षण और स्थिरता पर केंद्रित है।
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यह वैश्विक मछली भंडार में गिरावट के प्रमुख कारणों में से एक – हानिकारक सब्सिडी – से निपटने के लिए दशकों के संवाद का परिणाम है।
उद्देश्य
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IUU मछली पकड़ने और अतिशोषण को बढ़ावा देने वाली हानिकारक सब्सिडी पर रोक लगाना।
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नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) और स्थायी मत्स्य पालन को बढ़ावा देना।
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विकासशील और अल्प-विकसित देशों को तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण प्रदान करना।
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न्यायसंगत व्यापार को सुनिश्चित करते हुए समुद्री जैव विविधता की रक्षा करना।
प्रमुख प्रावधान
निषेध करता है सब्सिडी पर जो:
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अवैध, अपंजीकृत और अनियंत्रित (IUU) मछली पकड़ने में दी जाती है।
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अतिशोषित मछली भंडार से संबंधित होती है।
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अनियंत्रित समुद्री क्षेत्रों (High Seas) में मछली पकड़ने के लिए दी जाती है।
स्थापित किया गया है “WTO Fish Fund”, जो प्रदान करेगा:
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तकनीकी और कानूनी सहायता
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विकासशील देशों के लिए कार्यान्वयन क्षमता निर्माण
प्रतिक्रियाएँ
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एनगोज़ी ओकोंजो-इवेला (WTO महानिदेशक): निकारागुआ की स्वीकृति का स्वागत किया और कहा कि यह समझौता अब प्रभाव में आने के पहले से कहीं अधिक निकट है।
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रोज़ालिया बोहोरक्वेज़ पालासियस (निकारागुआ की राजदूत): निकारागुआ की समुद्री स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता और बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था के समर्थन को दोहराया।
स्थैतिक व संदर्भ तथ्य
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यह समझौता WTO के दो-तिहाई सदस्यों (111) की स्वीकृति के बाद प्रभावी होगा।
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Fish Fund विकासशील देशों के लिए सहायता हेतु प्रस्ताव आमंत्रित करेगा।
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निकारागुआ प्रशांत महासागर और कैरेबियन सागर से घिरा है, जिससे उसका समुद्री शासन में रणनीतिक हित है।
यह विकास एक वैश्विक समुद्री शासन की दिशा में निर्णायक कदम है, जिसमें भारत सहित विकासशील देशों की भूमिका भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।