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NHAI की ‘एक वाहन, एक फास्टैग’ पहल

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भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने ‘एक वाहन, एक फास्टैग’ पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य कई वाहनों के लिये एकल FASTag का उपयोग करने या किसी विशेष वाहन के लिये कई फास्टैग (FASTag) को जोड़ने के उपयोगकर्त्ता व्यवहार को हतोत्साहित करना है।

NHAI द्वारा FASTag उपयोगकर्त्ताओं को RBI दिशानिर्देशों के अनुसार KYC अपडेट करके अपने नवीनतम FASTag की ‘अपने ग्राहक को जानें’ (Know Your Customer- KYC) प्रक्रिया को पूरा करने के लिये भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। वैध बैलेंस लेकिन अपूर्ण KYC वाले FASTag को 31 जनवरी, 2024 के बाद बैंकों द्वारा निष्क्रिय/ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।

 

फास्टैग (FASTag) क्या है?

FASTag एक साधन/उपकरण है जो गतिशील वाहन को निर्बाध रूप से सीधे टोल भुगतान करने के लिये रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक का उपयोग करता है। NHAI ने FASTag की उपलब्धता को सुविधाजनक बनाने के लिये दो मोबाइल ऐप – MyFASTag और FASTag पार्टनर लॉन्च किये। टैग जारी होने की तारीख से 5 वर्ष के लिये वैध है जो 7 अलग-अलग रंग कोड में आता है।

 

FASTag के लाभ:

सड़क उपयोगकर्त्ताओं के लिये:

टोल प्लाज़ा के माध्यम से लगभग निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित हुई।

टोल/पथकर शुल्क हेतु कैशलेस भुगतान की सुविधा।

यातायात की भीड़ कम हुई तथा आवागमन का में लगने वाला समय कम हुआ।

टोल संचालक के लिये:

कम परिचालन लागत।

केंद्रीकृत उपयोगकर्त्ता खातों के माध्यम से बेहतर ऑडिट/लेखापरीक्षा नियंत्रण।

अधिक बुनियादी ढाँचे के निर्माण की आवश्यकता के बिना क्षमता में वृद्धि।

सरकार के लिये:

ईंधन की बचत तथा टोल प्लाज़ा पर प्रतीक्षा करने एवं बार-बार रुकने से होने वाले उत्सर्जन में कमी।

टोल लेनदेन के समय पारदर्शिता सुनिश्चित करना।

 

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण क्या है?

NHAI का गठन वर्ष 1988 में संसद के एक अधिनियम द्वारा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत भारत सरकार द्वारा सौंपे गए राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, अनुरक्षण तथा प्रबंधन के लिये एक केंद्रीय प्राधिकरण के रूप में किया गया था। हालाँकि प्राधिकरण फरवरी, 1995 में क्रियाशील हुआ। प्राधिकरण में एक पूर्णकालिक अध्यक्ष और अधिकतम पाँच पूर्णकालिक सदस्य एवं चार अंशकालिक सदस्य होते हैं जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है।

 

राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह कार्यक्रम क्या है?

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (National Payments Corporation of India – NPCI) ने भारत की इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग ज़रूरतों को पूरा करने के लिये राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (National Electronic Toll Collection – NETC) कार्यक्रम बनाया है। यह कार्यक्रम एक राष्ट्रव्यापी, अंतर-संचालनीय टोल भुगतान समाधान प्रदान करता है, जिसमें निपटान और विवाद समाधान के लिये क्लीयरिंग हाउस सेवाएँ शामिल हैं। NETC के संदर्भ में इंटरऑपरेबिलिटी का मतलब प्रक्रियाओं और तकनीकी विशिष्टताओं का एक मानकीकृत सेट है, जो फास्टैग उपयोगकर्त्ताओं को प्लाज़ा के ऑपरेटर की परवाह किये बिना किसी भी टोल प्लाज़ा पर भुगतान के लिये अपने टैग का उपयोग करने की अनुमति देता है।

 

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