राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की गुणवत्ता निगरानी को मजबूत करने और कार्यान्वयन मानकों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने परामर्श इंजीनियरों द्वारा एक साथ देखे जाने वाले प्रोजेक्ट्स की संख्या को अधिकतम 10 तक सीमित कर दिया है। यह सीमा स्वतंत्र इंजीनियरों (Independent Engineers), प्राधिकरण इंजीनियरों (Authority Engineers), और सुपरविजन कंसल्टेंट्स पर लागू होगी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि परियोजनाओं में तकनीकी और संविदात्मक अनुपालन बेहतर हो।
12 जून 2025 को PIB दिल्ली के माध्यम से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए नई पर्यवेक्षण दिशानिर्देश जारी किए। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब यह देखा गया कि इंजीनियरों के अत्यधिक कार्यभार के कारण वे अनुबंधों में निर्धारित पर्यवेक्षण मानकों का पालन नहीं कर पा रहे थे, जिससे देशभर में राजमार्गों की गुणवत्ता और सुरक्षा प्रभावित हो रही थी।
राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण और रखरखाव की गुणवत्ता में सुधार करना।
यह सुनिश्चित करना कि हर इंजीनियर के पास पर्याप्त समय और संसाधन हों ताकि वे प्रभावी निगरानी कर सकें।
राजमार्ग नेटवर्क पर सुरक्षा, स्थायित्व और सुगम यात्रा को बढ़ावा देना।
| पहलू | विवरण |
|---|---|
| अधिकतम सीमा | एक नामांकित इंजीनियर अधिकतम 10 परियोजनाओं की ही निगरानी कर सकेगा। |
| लागू श्रेणियाँ | स्वतंत्र इंजीनियर, प्राधिकरण इंजीनियर, और सुपरविजन कंसल्टेंट्स पर लागू। |
| प्रभावित प्रोजेक्ट मोड |
हाइब्रिड एन्युइटी मोड (HAM)
इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (EPC) मोड
प्रत्येक नामांकित परियोजना स्थल का मासिक निरीक्षण करना अनिवार्य।
अनुबंध शर्तों के अनुसार मासिक प्रगति रिपोर्ट (Monthly Progress Report) में योगदान देना।
संविदात्मक अनुपालन और तकनीकी पर्यवेक्षण के लिए प्रमुख संपर्क व्यक्ति की भूमिका निभाना।
परामर्श कंपनियों को अपने प्रोजेक्ट आवंटन को पुन: समायोजित करने के लिए 60 दिन का समय दिया गया है।
यह नई सीमा संक्रमण अवधि के बाद प्रभावी होगी।
इंजीनियरों के अत्यधिक कार्यभार को रोका जाएगा, जिससे गुणवत्ता की निगरानी बेहतर होगी।
वास्तविक समय पर, सक्रिय निरीक्षण और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।
पर्याप्त योग्य पेशेवरों की तैनाती के लिए परामर्श कंपनियों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
भारत में बुनियादी ढांचा विकास की विश्वसनीयता और दक्षता को मजबूती मिलेगी।
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