न्यूयॉर्क सिटी में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मेयर एरिक एडम्स ने 14 अप्रैल 2025 को आधिकारिक रूप से “डॉ. भीमराव अंबेडकर दिवस” घोषित किया। यह घोषणा भारत के संविधान निर्माता और महान समाज सुधारक डॉ. अंबेडकर की 135वीं जयंती के अवसर पर की गई, जो उनके मानवाधिकार, न्याय और समानता के लिए किए गए योगदान को वैश्विक मान्यता प्रदान करती है। यह ऐलान न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान किया गया, जिसमें भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने मुख्य भाषण दिया। कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति और समुदाय के नेता शामिल हुए, जिससे डॉ. अंबेडकर के विचारों की वैश्विक प्रासंगिकता और स्वीकार्यता को बल मिला। यह निर्णय न केवल भारतीय प्रवासी समुदाय के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि दुनिया भर में सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में डॉ. अंबेडकर के अमूल्य योगदान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता भी है।
डॉ. भीमराव अंबेडकर दिवस की घोषणा
डॉ. बी.आर. अंबेडकर दिवस की उद्घोषणा
न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम्स ने 14 अप्रैल 2025 को आधिकारिक रूप से “डॉ. बी.आर. अंबेडकर दिवस” घोषित किया।
यह घोषणा डॉ. अंबेडकर के सामाजिक न्याय, मानवाधिकार और समानता के लिए किए गए अभूतपूर्व योगदान को मान्यता देती है।
इस दिन का महत्व
यह दिन भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर की विरासत को सम्मानित करता है।
दलितों और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए उनके संघर्ष ने वैश्विक स्तर पर समानता और न्याय की लड़ाइयों को प्रेरणा दी है।
रामदास अठावले का मुख्य भाषण
सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य भाषण दिया।
उन्होंने डॉ. अंबेडकर के योगदान को 2030 के सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में महत्वपूर्ण बताया।
अंबेडकर की वैश्विक विरासत
डॉ. अंबेडकर के विचार सीमाओं से परे जाकर संयुक्त राष्ट्र और न्यूयॉर्क जैसे विविधता से भरे शहरों में गूंजते हैं।
उनका संघर्ष न्यूयॉर्क की समावेशी संस्कृति और सभी के लिए अवसर की भावना से गहराई से जुड़ा है।
प्रतीकात्मक लेकिन सशक्त मान्यता
यह घोषणा सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि एक नैतिक उद्घोषणा है, जो न्यूयॉर्क को मानवाधिकारों और न्याय के लिए वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करती है।
डॉ. अंबेडकर को एक परिवर्तनकारी नेता के रूप में मान्यता दी गई है, जिन्होंने वंचितों के सम्मान और लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए संघर्ष किया।
कोलंबिया विश्वविद्यालय में श्रद्धांजलि
कार्यक्रम से पहले रामदास अठावले ने कोलंबिया विश्वविद्यालय में स्थित डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
यहीं से अंबेडकर ने 1927 में अर्थशास्त्र में पीएचडी की थी।
यह प्रतिमा ज्ञान, शिक्षा और अडिग संकल्प का प्रतीक है, जो उन्होंने जातीय भेदभाव और उपनिवेशवादी अन्याय के बीच अर्जित किया।
विषय | विवरण |
समाचार में क्यों? | न्यूयॉर्क सिटी द्वारा डॉ. बी.आर. अंबेडकर दिवस की घोषणा |
डॉ. बी.आर. अंबेडकर दिवस की उद्घोषणा | 14 अप्रैल 2025 को न्यूयॉर्क सिटी के मेयर एरिक एडम्स द्वारा आधिकारिक रूप से “डॉ. बी.आर. अंबेडकर दिवस” घोषित किया गया। |
कार्यक्रम स्थल | संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय, न्यूयॉर्क |
मुख्य वक्ता | रामदास अठावले, सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री |
अंबेडकर की भूमिका | भारतीय संविधान के शिल्पकार, दलितों और वंचित समुदायों के पक्ष में मुखर आवाज |
अंबेडकर की शिक्षा | 1927 में कोलंबिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी प्राप्त |
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