कैबिनेट ने विद्युत क्षेत्र को कोयला आवंटन हेतु संशोधित शक्ति नीति को मंजूरी दी

भारत के ऊर्जा क्षेत्र को नई गति देने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण नीतिगत सुधार के तहत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने 7 मई 2025 को संशोधित शक्ति नीति (SHAKTI – Scheme for Harnessing and Allocating Koyala Transparently in India) को मंजूरी दी। इस संशोधित ढांचे का उद्देश्य थर्मल पावर उत्पादकों के लिए कोयला लिंकिंग प्रक्रिया को सरल बनाना, आपूर्ति तंत्र में लचीलापन लाना और इस क्षेत्र में व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देना है। नई नीति से न केवल कोयला वितरण में पारदर्शिता आएगी, बल्कि बिजली उत्पादन लागत में भी संभावित कमी होगी, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ मिल सकेगा। यह सुधार भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और एक सक्षम, प्रतिस्पर्धी बिजली क्षेत्र की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

समाचार में क्यों?
भारत सरकार ने कोयला आवंटन को सुव्यवस्थित करने, ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने और निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से संशोधित शक्ति नीति (SHAKTI Policy) को मंजूरी दी है। पहले के आठ-पैरा प्रारूप को हटाकर एक सरल दो-विंडो प्रणाली को अपनाया गया है, जो पारदर्शिता, दक्षता और कोयला आपूर्ति श्रृंखला में अधिक स्वायत्तता की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है।

संशोधित शक्ति नीति (2025) की मुख्य विशेषताएं

श्रेणी विवरण
विंडो-I: अधिसूचित मूल्य पर कोयला लिंकिंग केवल केंद्रीय क्षेत्र की तापीय परियोजनाओं (TPPs), उनके संयुक्त उद्यमों और सहायक कंपनियों के लिए।
कोयला लिंकिंग राज्य सरकारों या अधिकृत एजेंसियों को विद्युत मंत्रालय की अनुशंसा पर दी जाएगी।
उपयोग की अनुमति:
– राज्य सरकार की उत्पादन कंपनियों (Gencos) में
– टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (TBCB) से चयनित IPPs में
– उन IPPs में जिनके पास बिजली अधिनियम 2003 की धारा 62 के तहत PPA है
विंडो-II: प्रीमियम मूल्य पर कोयला लिंकिंग सभी घरेलू/आयातित कोयला आधारित पावर प्लांट्स के लिए खुली।
नीलामी के माध्यम से कोयला प्राप्त करने की सुविधा:
लघु अवधि (12 माह तक)
दीर्घ अवधि (25 वर्ष तक)
PPA आवश्यक नहीं, बिजली बाजार में स्वतंत्र बिक्री की अनुमति

क्रियान्वयन रणनीति

  • कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (SCCL) नीति को लागू करेंगे।

  • एक सशक्त समिति (बिजली सचिव, कोयला सचिव, CEA अध्यक्ष) संचालन संबंधी निर्णय लेगी।

  • कोयला मंत्रालय (MoC) और बिजली मंत्रालय (MoP) को लघु बदलाव हेतु अधिकार प्रदान।

प्रमुख लाभ और प्रभाव

  • नीति को सरल बनाया गया — अब केवल 2 खिड़कियां।

  • दीर्घकालिक और अल्पकालिक दोनों मांगों को प्रबंधित करने में सहायक।

  • बिना PPA के IPPs को भी नई क्षमता जोड़ने की अनुमति।

  • आयातित कोयले के विकल्प को बढ़ावा।

  • पिटहेड पावर प्लांट्स को प्रोत्साहन, लॉजिस्टिक्स लागत और कार्बन फुटप्रिंट में कमी।

  • कोयला लागत में कमी हेतु लिंकिंग का युक्तिकरण।

  • बिजली बाजार में अधिशेष बिजली की बिक्री की अनुमति — बाजार में गहराई।

कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं

इस नीति संशोधन से कोयला कंपनियों पर कोई अतिरिक्त खर्च नहीं होगा।

पृष्ठभूमि

  • SHAKTI नीति की शुरुआत 2017 में कोयला आवंटन में पारदर्शिता लाने हेतु की गई थी।

  • 2019 और 2023 में संशोधन किए गए।

  • 2025 का यह संशोधन अब तक का सबसे व्यापक और सरल रूप है।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

प्रधानमंत्री ने WHO ग्लोबल समिट में अश्वगंधा पर स्मारक डाक टिकट जारी किया

नई दिल्ली में आयोजित द्वितीय WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र…

9 hours ago

भारत और नीदरलैंड ने संयुक्त व्यापार और निवेश समिति (JTIC) का गठन किया

भारत और नीदरलैंड्स ने अपने आर्थिक साझेदारी संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक…

11 hours ago

जम्मू-कश्मीर को अपना पहला Gen Z पोस्ट ऑफिस मिला

जम्मू-कश्मीर ने सार्वजनिक सेवाओं के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।…

11 hours ago

ISRO ने RESPOND बास्केट 2025 लॉन्च किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने RESPOND Basket 2025 जारी किया है, जिसके तहत देशभर…

12 hours ago

PM मोदी ने किया गुवाहाटी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 दिसंबर 2025 को असम में लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई…

13 hours ago

मिची बेंटहॉस अंतरिक्ष में जाने वाली पहली व्हीलचेयर यूज़र बनकर इतिहास रचेंगी

जर्मन एयरोस्पेस इंजीनियर मिची बेंटहॉस अंतरिक्ष यात्रा करने वाली पहली व्हीलचेयर उपयोगकर्ता व्यक्ति बनने जा…

15 hours ago