केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के जीएलएएम (दीर्घाएँ, पुस्तकालय, अभिलेखागार और संग्रहालय) प्रभाग ने 1-3 अगस्त, 2024 तक नई दिल्ली में तीन दिवसीय महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया है। ‘आगामी युग युगीन भारत संग्रहालय पर राज्य संग्रहालय सम्मेलन’ भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो देश की राजधानी के केंद्र में दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय बनाने की महत्वाकांक्षी परियोजना पर चर्चा करने के लिए प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाता है।
‘आगामी युग युगीन भारत संग्रहालय पर राज्य संग्रहालय सम्मेलन’ का उद्घाटन 1 अगस्त 2024 को केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने किया। इसमें दिल्ली में विभिन राज्य सरकारों के रेजिडेंट कमिश्नर, संग्रहालयों के निदेशकों, अधीक्षकों, क्यूरेटर, प्रोफेसरों और देश भर के शोधकर्ताओं भाग ले रहे हैं।
उद्देश्य
यह कॉन्क्लेव केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं के साथ नई दिल्ली में दुनिया के सबसे बड़े संग्रहालय – युग युगीन भारत संग्रहालय के निर्माण पर हितधारकों से इनपुट प्राप्त करने के लिए किए गए अभ्यासों की एक श्रृंखला का हिस्सा है। इस विशेष सम्मेलन का उद्देश्य राज्य सरकार से उनके पास मौजूद ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कलाकृतियों के बारे में जानकारी प्राप्त करना है जिन्हें आगामी संग्रहालय में प्रदर्शित किया जा सकता है। कॉन्क्लेव में यह भी पता लगाया जाएगा कि कैसे कोई राज्य प्रस्तावित युग युगीन भारत संग्रहालय की स्थापना में सहयोगी बन सकता है।
युग युगीन भारत संग्रहालय के बारे में
केंद्र सरकार की सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के हिस्से के रूप में केंद्र सरकार नई दिल्ली में रायसीना हिल के पास स्थित नॉर्थ और साउथ ब्लॉक क्षेत्र में युग युगीन भारत संग्रहालय स्थापित करेगी। भारत सरकार नई दिल्ली में स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय को नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में स्थानांतरित कर इसे युगे युगीन भारत संग्रहालय के रूप में विकसित करने की योजना है। वर्तमान में नॉर्थ और साउथ ब्लॉक भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के कार्यालयों हैं। 1,54,000 वर्गमीटर में फैला प्रस्तावित संग्रहालय दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय होगा। युग युगीन भारत संग्रहालय को फ्रांस के साथ साझेदारी में विकसित किया जा रहा है।
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट: एक नजर में
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट 2019 में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई दिली में एक पुनर्विकास परियोजना है। 20,000 करोड़ रुपये की परियोजना में संसद भवन, केंद्रीय सचिवालय सहित राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक 3.2 किलोमीटर की दूरी का पुनर्विकास, राष्ट्रीय संग्रहालय को नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक में स्थानांतरित करना आदि शामिल हैं।
इसमें भारत के प्रधान मंत्री और उपराष्ट्रपति के लिए नए आवासो का निर्माण भी शामिल है। इस योजना के तहत सभी परियोजनाओं को 2026 तक चरणबद्ध और क्रमिक तरीके से पूरा करना है।