मालदीव में डैमसेल्फ़िश की नई प्रजाति पाई गई

दिसंबर 2024 में मालदीव में एक असाधारण वैज्ञानिक उपलब्धि के रूप में एक नई डेम्सलफिश प्रजाति की खोज हुई, जिसे क्रोमिस अबधाह नाम दिया गया। यह खोज समुद्री वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम द्वारा की गई, जिन्होंने इस प्रजाति को मालदीव के मेसोफोटिक ज़ोन में स्थित गहरे समुद्री कोरल रीफ में पाया। यह खोज देश की समृद्ध समुद्री जैव विविधता में योगदान करती है और अज्ञात समुद्री पारिस्थितिक तंत्रों की खोज में वैश्विक वैज्ञानिक साझेदारी के महत्व को उजागर करती है।

खोज की पृष्ठभूमि

  • यह खोज दिसंबर 2024 में वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम द्वारा की गई।
  • प्रजाति को मेसोफोटिक ज़ोन में गहरे समुद्री कोरल रीफ में खोजा गया।
  • क्रोमिस अबधाह का पहली बार विश्व स्तर पर रिकॉर्ड किया गया।

नामकरण और महत्व

  • इसे मरीन रिसर्च इंस्टीट्यूट ने क्रोमिस अबधाह नाम दिया।
  • “अबधाह” का अर्थ धिवेही भाषा में “अनंत” है, जो महासागर की स्थायी प्रकृति का प्रतीक है।
  • इस नामकरण से Rolex Perpetual Planet Initiative को सम्मानित किया गया, जिसने इस अभियान को समर्थन दिया।

निवास स्थान और वितरण

  • इस प्रजाति को 180 किमी में फैले ल्हावियानी एटोल से धालू एटोल तक आठ अलग-अलग स्थानों पर दर्ज किया गया।
  • यह संभावना है कि यह प्रजाति मालदीव के अन्य क्षेत्रों में भी मौजूद हो सकती है।

शारीरिक विशेषताएं

  • रंग: मोती जैसी सफेद शरीर पर हल्के नीले रंग की झलक।
  • पीठ: गहरे रंग की और आंखों के नीचे हल्का रंग।
  • आंखें: गहरे केंद्रीय भाग को घेरता हुआ सिल्वर-नीला घेरा।
  • स्केल्स: आंखों के नीचे चमकदार स्केल्स।
  • प्रिजर्वेशन के बाद: संरक्षित होने पर नीला रंग बदलकर लाल-भूरे रंग में परिवर्तित हो जाता है।

पारिस्थितिक और वैज्ञानिक महत्व

  • मेसोफोटिक ज़ोन की जैव विविधता की समझ को बढ़ाता है।
  • गहरे समुद्री पारिस्थितिक तंत्रों की खोज और संरक्षण की आवश्यकता पर जोर देता है।
  • समुद्री अनुसंधान में अंतरराष्ट्रीय सहयोग की भूमिका को रेखांकित करता है।
Summary/Static Details
खबरों में क्यों? एक नई डैमसेल्फिश प्रजाति की खोज: क्रोमिस अबदाह
प्रजाति का नाम क्रोमिस अबदाह
नाम का अर्थ धिवेही में “सदा”; रोलेक्स परपेचुअल प्लैनेट पहल का सम्मान करता है।
खोज स्थान मेसोफ़ोटिक क्षेत्र, गहरे समुद्र में प्रवाल भित्तियाँ, मालदीव
रिकॉर्ड की गई सीमा ल्हावियानी एटोल से धालू एटोल तक 180 किमी में 8 स्थान
अनोखी विशेषताएँ – मोती जैसा सफ़ेद शरीर, जिसमें हल्के नीले रंग की झलक होती है।

– पीठ का रंग गहरा, आँखों के नीचे हल्का, परितारिका का रंग चांदी जैसा नीला।

– आँखों के नीचे परावर्तक शल्क; नीला रंग संरक्षित रहने पर लाल-भूरे रंग में बदल जाता है।

पारिस्थितिक महत्व मेसोफ़ोटिक जैव विविधता पर प्रकाश डाला गया; समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की खोज और संरक्षण का आह्वान किया गया।
वित्तपोषण पहल लुइज़ रोचा के रोलेक्स अवार्ड फ़ॉर एंटरप्राइज़ के माध्यम से रोलेक्स परपेचुअल प्लैनेट पहल द्वारा समर्थित।

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vikash

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