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शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 22 प्रतिशत बढ़कर 6.93 लाख करोड़ रुपये हुआ

भारत का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह वित्त वर्ष 2025 में 1 अप्रैल से 11 अगस्त तक 22.5% बढ़कर 6.93 ट्रिलियन रुपये हो गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 5.65 ट्रिलियन रुपये था। व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) की वृद्धि निगम कर से अधिक रही, तथा रिफंड से पहले सकल संग्रह में लगभग 24% की वृद्धि हुई।

इस वित्त वर्ष में 11 अगस्त तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 22.48 प्रतिशत बढ़कर लगभग 6.93 लाख करोड़ रुपये हो गया। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष करों से 22.07 लाख करोड़ रुपये एकत्र करने का लक्ष्य रखा है।

कॉर्पोरेट कर संग्रह

इसमें 4.47 लाख करोड़ रुपये का व्यक्तिगत आयकर संग्रह और 2.22 लाख करोड़ रुपये का कॉर्पोरेट कर संग्रह शामिल है। प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) से 21,599 करोड़ रुपये एकत्र हुए, जबकि अन्य करों (जिसमें समानीकरण शुल्क और उपहार कर शामिल हैं) से 1,617 करोड़ रुपये की कमाई हुई।

सकल आधार पर प्रत्यक्ष कर संग्रह

सकल आधार पर प्रत्यक्ष कर संग्रह 24 प्रतिशत बढ़कर 8.13 लाख करोड़ रुपये हो गया। संग्रह में 4.82 लाख करोड़ रुपये का पीआईटी (व्यक्तिगत आयकर) और 3.08 लाख करोड़ रुपये का कॉर्पोरेट कर शामिल है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष करों से 22.07 लाख करोड़ रुपये एकत्र करने का लक्ष्य रखा है।