भारत वैश्विक मादक पेय बाजार में अपनी उपस्थिति को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित कर रहा है, जिसका लक्ष्य आने वाले वर्षों में 952.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर (8,000 करोड़ रुपये) का निर्यात करना है। ‘मेक इन इंडिया’ पहल के हिस्से के रूप में, सरकार, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) द्वारा समर्थित, वैश्विक मादक पेय निर्यात में भारत को अपने वर्तमान 40वें स्थान से ऊपर उठाना चाहती है। इसका उद्देश्य निर्यात राजस्व में 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर हासिल करना है।
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का मादक पेय निर्यात 2,200 करोड़ रुपये (262.1 मिलियन अमेरिकी डॉलर) से ज़्यादा हो गया। प्रमुख बाज़ारों में यूएई, सिंगापुर, नीदरलैंड, तंजानिया, अंगोला, केन्या और रवांडा शामिल हैं।
इस रणनीति में एक महत्वपूर्ण विकास ‘गोडावन’ का लॉन्च है, जो कि डियाजियो इंडिया (यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड) द्वारा राजस्थान में निर्मित एक सिंगल-माल्ट व्हिस्की है, जिसे यूके में पेश किया जाएगा। इस उत्पाद से प्रीमियम व्हिस्की के लिए भारत की प्रतिष्ठा बढ़ने की उम्मीद है।
भारत के ब्रुअर्स एसोसिएशन के महानिदेशक विनोद गिरी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सिंगल-माल्ट व्हिस्की भारत की वैश्विक छवि को बढ़ावा देगी, लेकिन निर्यात की अधिकांश मात्रा प्रीमियम भारतीय व्हिस्की और रम से आएगी। उन्होंने अमेरिका, अफ्रीका और यूरोप को पर्याप्त निर्यात क्षमता वाले प्रमुख क्षेत्रों के रूप में पहचाना। गिरी ने सिफारिश की कि सरकार राज्यों को अपनी उत्पाद शुल्क नीतियों में निर्यात प्रोत्साहन को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करे ताकि इस क्षमता को साकार करने और अंतरराष्ट्रीय स्पिरिट्स बाजार का बड़ा हिस्सा हासिल करने में मदद मिल सके।
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