स्कूली शिक्षा को अधिक प्रासंगिक, समकालीन और राष्ट्रीय पहचान से जुड़ा बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) नई पाठ्यक्रम सामग्री पेश करने जा रही है। इन पाठ्यक्रमों में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष मिशन और भारत के निर्णायक सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर को विशेष रूप से शामिल किया जाएगा। इसका उद्देश्य छात्रों को देश की बढ़ती रक्षा क्षमता, कूटनीति, अंतरिक्ष अन्वेषण और सतत विकास के प्रयासों के बारे में जागरूक करना है, ताकि वे भारत की प्रगति और वैश्विक भूमिका को गहराई से समझ सकें।
पाठ्यक्रम पहल की पृष्ठभूमि
- यह विशेष पाठ्य सामग्री शिक्षा मंत्रालय के मार्गदर्शन में विकसित की जा रही है और कक्षा 3 से 12 तक के पाठ्यक्रम में शामिल की जाएगी। वरिष्ठ अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यह सामग्री फिलहाल निर्माणाधीन है और पूर्ण होने के बाद शीघ्र ही लागू कर दी जाएगी।
- इस पहल का उद्देश्य छात्रों को भारत की राष्ट्रीय उपलब्धियों, सुरक्षा चुनौतियों और वैज्ञानिक प्रगति की समझ देना है, साथ ही उन्हें विश्व मंच पर भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा पर गर्व महसूस कराना भी है।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला पर विशेष ध्यान
इस पाठ्यक्रम की एक प्रमुख विशेषता ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक उपलब्धि होगी, जिन्होंने Axiom Mission 4 के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनने का गौरव प्राप्त किया। उनका समावेश छात्रों में वैज्ञानिक जिज्ञासा जगाने और उन्हें एयरोस्पेस, अंतरिक्ष अनुसंधान और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में करियर अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इन मॉड्यूल्स में भारत के प्रमुख अंतरिक्ष अभियानों जैसे चंद्रयान, आदित्य L1, और अन्य महत्वपूर्ण उपलब्धियों को भी शामिल किया जाएगा, जिससे यह स्पष्ट हो कि भारत एक वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उभर रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर: रणनीतिक रक्षा की शिक्षा
पाठ्यक्रम में भारत के एक निर्णायक सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर को भी शामिल किया जाएगा, जिसे देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए त्वरित और ठोस प्रतिक्रिया के रूप में अंजाम दिया गया था। यद्यपि इस अभियान से संबंधित अधिकांश जानकारी गोपनीय रहेगी, फिर भी इसे एक केस स्टडी के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे छात्रों को निम्नलिखित पहलुओं की समझ दी जा सके:
-
राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा में सशस्त्र बलों की भूमिका
-
संकट के समय अंतर-मंत्रालयी समन्वय का महत्व
-
राष्ट्रीय सुरक्षा संकटों के दौरान निर्णायक नेतृत्व की आवश्यकता
पाठ्यक्रम में अतिरिक्त विषयवस्तु
स्थायी जीवनशैली के लिए मिशन LiFE
रक्षा और अंतरिक्ष के अलावा, इन मॉड्यूल्स में मिशन LiFE (Lifestyle for Environment) को भी प्रमुखता दी जाएगी, जो पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की प्रमुख पहल है। इसका उद्देश्य छात्रों को सतत जीवनशैली अपनाने, जलवायु परिवर्तन को कम करने और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के महत्व के बारे में शिक्षित करना है। यह विषय विद्यार्थियों में पर्यावरणीय जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना विकसित करेगा।
विभाजन: इतिहास से सबक
नए पाठ्यक्रम का एक अन्य महत्वपूर्ण हिस्सा भारत के विभाजन को समर्पित होगा। इसमें विभाजन के दौरान हुए कष्टों और उसके दीर्घकालिक प्रभावों को संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत किया जाएगा। इस मॉड्यूल का उद्देश्य छात्रों में ऐतिहासिक समझ, सहानुभूति, और विपरीत परिस्थितियों में एकता और धैर्य की भावना को विकसित करना है।
मॉड्यूल्स की संरचना
पाठ्यक्रम को दो स्तरों पर तैयार किया जाएगा:
-
कक्षा 3 से 8 तक के लिए – सरल भाषा और रोचक गतिविधियों के माध्यम से छोटी कक्षाओं के अनुरूप डिजाइन।
-
कक्षा 9 से 12 तक के लिए – अधिक विस्तृत विषयवस्तु और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत किया जाएगा।
प्रत्येक मॉड्यूल लगभग 8–10 पृष्ठों का होगा और इसमें केस स्टडीज़ (घटनाओं के उदाहरण) का उपयोग किया जाएगा, ताकि विषय छात्रों के लिए अधिक रोचक, व्यावहारिक और समझने योग्य बन सके।


भारत को बोत्सवाना से 8 चीते मिलेंगे: प्र...
जानें बौद्ध धर्म में कालचक्र अभिषेक क्या...
प्रधानमंत्री की भूटान यात्रा: प्रमुख परि...

