राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने ऑपरेशन सिन्दूर पर नए पाठ्यक्रम मॉड्यूल जारी किए हैं, जिसे एक “साहस की गाथा” और भारत की आतंकवाद के विरुद्ध सैन्य व राजनीतिक प्रतिक्रिया में एक परिवर्तनकारी क्षण बताया गया है। ये मॉड्यूल कक्षा 3 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए तैयार किए गए हैं, जिनमें मई 2025 में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में आतंकी शिविरों पर की गई सटीक कार्रवाइयों की घटनाओं और उनके बाद के परिप्रेक्ष्य को शामिल किया गया है।
ऑपरेशन सिन्दूर को 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों (जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था) की हत्या आतंकवादी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) द्वारा की गई थी। इस हमले ने पूरे देश को शोक और आक्रोश से भर दिया तथा निर्णायक कार्रवाई की मांग को जन्म दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा बीच में ही छोड़कर तुरंत भारत लौटकर इस अभियान का नेतृत्व किया।
इस अभियान का नाम “सिन्दूर” रखा गया, जो हमले में मारे गए लोगों की विधवाओं के साथ एकजुटता का प्रतीक है। सिन्दूर, जिसे परंपरागत रूप से विवाहित हिंदू महिलाएँ धारण करती हैं, सहानुभूति, एकता और राष्ट्र की गरिमा की रक्षा की प्रतिज्ञा का प्रतीक बनकर सामने आया।
कक्षा 3–8: ऑपरेशन सिन्दूर – वीरता की गाथा
कक्षा 9–12: ऑपरेशन सिन्दूर – सम्मान और बहादुरी का मिशन
मॉड्यूल संवादी शैली में तैयार किए गए हैं, जहाँ शिक्षक और छात्रों के बीच संवाद के रूप में घटनाएँ प्रस्तुत की गई हैं। यह शैली छोटे बच्चों के लिए जटिल सैन्य और भू-राजनीतिक विषयों को सरल और रोचक बनाती है।
साहस और जिम्मेदारी
मॉड्यूल इस बात पर बल देते हैं कि भारत ने सटीकता और संयम के साथ कार्रवाई की।
आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया लेकिन आम नागरिकों को नुकसान नहीं पहुँचाया गया।
इसके विपरीत, पाकिस्तान की संघर्षविराम उल्लंघन की कार्रवाइयों से 14 नागरिकों की मौत हुई।
तकनीकी आत्मनिर्भरता
ऑपरेशन सिन्दूर ने दिखाया कि भारत अब अपने स्वदेशी रक्षा प्रणालियों की मदद से जटिल सैन्य अभियानों को अंजाम देने में सक्षम है।
इससे रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की झलक मिलती है।
राष्ट्रीय एकता
मॉड्यूल यह भी स्पष्ट करते हैं कि आतंकी हमला भारत में सांप्रदायिक अशांति फैलाने की साजिश थी।
लेकिन देशवासियों की एकजुटता और साझा शोक ने इस नापाक मंशा को नाकाम कर दिया।
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