सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अनुसार, बधिर बच्चों के लिए सभी तरह की शैक्षणिक सामग्री को उनके समझने योग्य प्रारूप में उपलब्ध कराने के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (ISLRTC) और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह बोलने या सुनने में कठिनाइयों वाले लोगों के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय है, जो दिव्यंगो को सशक्त बनेगा।
सांकेतिक भाषा में सभी शिक्षा सामग्री बदलने से किसी भी शारीरिक अक्षमता के बावजूद सभी को समान अवसर की मिल पाएंगे। ISLRTC और NCERT के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर NCERT, ISLRTC, और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अन्य सदस्यों और केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की उपस्थिति में किए गए।
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