हर वर्ष 16 नवंबर को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय प्रेस दिवस, लोकतंत्र के चौथे स्तंभ—मीडिया—की मूलभूत भूमिका का उत्सव है। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, नैतिक पत्रकारिता और जन-उत्तरदायित्व जैसे स्थायी मूल्यों पर प्रकाश डालता है। 2025 में, यह दिवस और भी प्रासंगिक है, क्योंकि भारत अपने मीडिया तंत्र को डिजिटल साधनों, नई पहलों और विधायी सुधारों के माध्यम से अधिक स्वतंत्र, सक्षम और आधुनिक बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस प्रेस परिषद् ऑफ इंडिया (PCI) की स्थापना (16 नवंबर 1966) की स्मृति में मनाया जाता है।
PCI की स्थापना सबसे पहले इंडियन प्रेस काउंसिल एक्ट, 1965 के अंतर्गत हुई थी, और बाद में इसे 1979 में वर्तमान प्रेस काउंसिल एक्ट के तहत पुनर्गठित किया गया।
इसका बुनियादी विचार प्रथम प्रेस आयोग (1956) ने दिया था, जिसने नैतिक पत्रकारिता को प्रोत्साहित करने और प्रेस को राजनीतिक या आर्थिक हस्तक्षेप से बचाने के लिए एक स्वतंत्र संस्थागत तंत्र की आवश्यकता पर जोर दिया था।
भारत का मीडिया जगत निरंतर विस्तार कर रहा है।
2004–05 में 60,143 प्रकाशनों से बढ़कर यह संख्या 2024–25 में 1.54 लाख से अधिक पहुँच गई है, जो भाषाओं और क्षेत्रों के विविध विस्तार को दर्शाती है।
PCI प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करता है और पत्रकारिता के नैतिक मानकों की निगरानी करता है।
इसके अधिकारों में शामिल हैं:
मीडिया कदाचार की शिकायतों पर कार्रवाई
प्रेस स्वतंत्रता पर खतरे के मामलों में सुओ-मोटो संज्ञान
भ्रामक, आपत्तिजनक, फर्जी या मानहानिकारक सामग्री को हतोत्साहित करने हेतु Norms of Journalistic Conduct लागू करना
हाल की पहलों में शामिल हैं:
प्राकृतिक आपदाओं की रिपोर्टिंग के लिए दिशा-निर्देश
LGBTQ+ समुदाय सहित समाज के विविध हिस्सों की समावेशी कवरेज को बढ़ावा
पत्रकारिता छात्रों के लिए समर/विंटर इंटर्नशिप कार्यक्रम
यह नया कानून 1867 के औपनिवेशिक PRB Act को प्रतिस्थापित करता है।
दिसंबर 2023 में अधिसूचित और मार्च 2024 से प्रभावी इस अधिनियम के प्रमुख उद्देश्य हैं:
प्रकाशनों के पंजीकरण को डिजिटाइज करना
अनुपालन का बोझ कम करना
RNI का नाम बदलकर Press Registrar General of India (PRGI) करना
प्रक्रियागत त्रुटियों को अपराधिक दायित्व से मुक्त करना
प्रेस सेवा पोर्टल एक पूरी तरह पेपरलेस, एकीकृत पंजीकरण प्रणाली उपलब्ध कराता है।
इसके शुरू होने के पहले छह महीनों में:
40,000+ प्रकाशक पंजीकृत हुए
3,000 से अधिक प्रिंटिंग प्रेस शामिल हुईं
QR-आधारित डिजिटल प्रमाणपत्र और ई-साइन से पारदर्शिता बढ़ी
चैटबॉट आधारित शिकायत निवारण प्रणाली से समाधान तेज हुआ
यह पोर्टल पब्लिशर्स के लिए Ease of Doing Business को सुदृढ़ करता है और मीडिया पंजीकरण प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाता है।
2001 में शुरू और 2019 में संशोधित, यह योजना प्रदान करती है:
कठिन परिस्थितियों में मृत्यु पर परिवार को ₹5 लाख तक
गंभीर बीमारी पर ₹3 लाख तक सहायता
दुर्घटना/विकलांगता सहायता (अनुभव आधारित)
वर्किंग जर्नलिस्ट्स एक्ट, 1955 — उचित वेतन, नौकरी सुरक्षा और कार्य परिस्थितियों की गारंटी
EPF और ESI एक्ट — ₹21,000/माह तक कमाने वाले मीडिया कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ
हर वर्ष, राजा राम मोहन राय पुरस्कार तथा राष्ट्रीय पत्रकारिता उत्कृष्टता पुरस्कार दिए जाते हैं।
साथ ही, एक स्मारिका (Souvenir) भी जारी की जाती है, जिसमें प्रमुख पत्रकारों व बुद्धिजीवियों के विचार प्रकाशित होते हैं, जो भारतीय मीडिया के गतिशील विकास को प्रदर्शित करते हैं।
मनाया जाता है: 16 नवंबर
स्थापित संस्था: प्रेस परिषद् ऑफ इंडिया (1966)
पंजीकृत प्रकाशन: 60,143 (2004–05) से 1.54 लाख (2024–25)
मुख्य कानून: Press and Registration of Periodicals Act, 2023
ऑनलाइन पोर्टल: प्रेस सेवा पोर्टल
सम्मान: राजा राम मोहन राय पुरस्कार
प्रमुख संस्थान: Indian Institute of Mass Communication (IIMC), Deemed University
कल्याण योजना: Journalist Welfare Scheme (2001)
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