भारत में राष्ट्रीय पोषण सप्ताह (National Nutrition Week – NNW) 2025 का आयोजन 1 से 7 सितम्बर तक किया जाएगा। इस वर्ष का थीम है— “Eat Right for a Better Life” (बेहतर जीवन के लिए सही खानपान अपनाएं)। इस अभियान का उद्देश्य संतुलित आहार, सचेत भोजन की आदतें, तथा कुपोषण और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम पर जागरूकता फैलाना है। यह पहल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से संचालित की जा रही है और पोषण अभियान जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों से जुड़ी है।
मौसमी एवं ताजे फल-सब्जियों के साथ संतुलित आहार अपनाना
जंक फूड और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की खपत घटाना
सचेत भोजन की आदतें एवं परोसने में संयम रखना
पौष्टिक भोजन पकाने की परंपरा को बढ़ावा देना
यह थीम पोषण अभियान और मध्याह्न भोजन योजना जैसी पहलों को पूरक बनाती है।
1982 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत फूड एंड न्यूट्रिशन बोर्ड द्वारा पहली बार इसकी शुरुआत की गई थी।
आज भारत तीनहरी पोषण चुनौतियों का सामना कर रहा है:
बच्चों और माताओं में कुपोषण
सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी जैसे एनीमिया
आहार-जनित बीमारियां जैसे मोटापा, मधुमेह और उच्च रक्तचाप
इसी कारण NNW भारत की लोक स्वास्थ्य प्रतिबद्धताओं की याद दिलाने वाला अहम अवसर है।
स्कूलों में हेल्दी टिफिन डे, पोस्टर प्रतियोगिता और व्याख्यान
रेसिपी डेमो और कार्यशालाएं – संतुलित आहार पर
स्वास्थ्य शिविर – पोषण जांच और परामर्श
विशेषज्ञ व्याख्यान व वेबिनार – गर्भावस्था, बाल पोषण और रोग-निवारण पर
मोबाइल ऐप और सोशल मीडिया अभियान – शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों तक पहुँचने के लिए
सामुदायिक रैलियां, मेले और कुकिंग डेमो – स्थानीय व किफायती पोषण पद्धतियों को बढ़ावा देने हेतु
पोषण अभियान (राष्ट्रीय पोषण मिशन): कुपोषण, अविकसित वृद्धि, एनीमिया और कम जन्म वजन की कमी पर केंद्रित।
मध्याह्न भोजन योजना (PM-POSHAN): स्कूली बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना।
एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS): छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों व गर्भवती/धात्री महिलाओं को अतिरिक्त पोषण।
आंगनवाड़ी केंद्र: पोषण परामर्श और फोर्टिफाइड खाद्य वितरण।
संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य (SDG-2) : शून्य भूख की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करना।
स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर गैर-संक्रामक बीमारियों की रोकथाम को बढ़ावा देना।
बच्चों, युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों तक समावेशी पोषण जागरूकता पहुँचाना।
सामुदायिक सहभागिता से कुपोषण उन्मूलन और खाद्य समानता को प्रोत्साहित करना।
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