राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग ने अपने चौथे स्थापना दिवस को मनाने के लिए ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन और शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल के सहयोग से ‘प्राण’ (Protecting Rights and Novelties in ASUS) नामक दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।
सम्मेलन के सेमिनार में कई महत्वपूर्ण नवाचार शामिल थे जिनमें पेटेंट होने की संभावना है, जिन्हें व्यावसायिक रूप से उपयोग में लाया जा सकता है या उन पेटेंट किए गए वस्तुओं के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए उपयुक्त हो सकते हैं। ये नवाचार स्टार्टअप्स के लिए उपयुक्त हो सकते हैं। सम्मेलन में भारतीय चिकित्सा प्रणाली (ISM) में नवाचार करने वालों का मार्गदर्शन करने के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।
उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि इस मंच पर इस तरह की चर्चा आयोजित करने का यह सही समय है क्योंकि यह देश भर के शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से चिकित्सा की भारतीय पद्धतियों, आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध, सोवा-रिग्पा को बढ़ावा देता है। उन्होंने आगे बताया कि भारतीय चिकित्सा प्रणाली (ISM) में नवाचार की संभावनाएं बहुत अधिक हैं। आयुष मंत्रालय के NCISM और बोर्ड ऑफ गवर्नर्स CCIM के अध्यक्ष वैद्य जयंत देवपुजारी ने इस बात पर जोर दिया कि ज्ञान का उपयोग इस तरह से किया जाए कि यह संस्थानों के लिए एक संपत्ति और अवसर बन जाए। उन्होंने शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल (MIC) को लगभग 15,000 इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल्स (IICs) बनाने के लिए बधाई दी। उन्होंने आगे कहा कि ये पहल बौद्धिक संपदा अधिकारों के साथ-साथ नवाचार के प्रति दृष्टिकोण में बड़ा परिवर्तन लाने में मदद करेंगी।
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