हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस पांचवे प्रधान मंत्री की जयंती के रूप में मनाया जाता है. वह 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक, बहुत ही छोटी अवधि के लिए भारत के प्रधान मंत्री रहे. एक किसान नेता, स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह एक किसान परिवार से सम्बंधित थे. यही कारण था कि वे खुद को किसानों के मुद्दों से संबोधित कर सकते थे, और उनको हल करने का समर्थन करते थे.
जब वह 1979 में भारत के प्रधान मंत्री बने, तो उन्होंने किसानों के जीवन में सुधार के लिए कई बदलाव किए. यह एक दिलचस्प तथ्य भी है कि भारत के प्रधान मंत्री के रूप में, चौधरी चरण सिंह कभी भी लोकसभा नहीं गए. मोरारजी देसाई के शासनकाल के दौरान उन्होंने उप प्रधान मंत्री के रूप में भी काम किया. उन्होंने 1979 का बजट को पेश किया, जिसे किसानों की सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया था. इसमें भारतीय किसानों के पक्ष में विभिन्न नीतियां शामिल थीं.
जमींदारी उन्मूलन अधिनियम भी इन्ही के द्वारा शुरू किया गया और उसके द्वारा लागू किया गया. वह एक लेखक भी थे और उन्होंने किसानों और उनके साथ समस्याओं से जुड़े समाधानों के बारे में उनके विचार लिखे हैं. चौधरी चरण सिंह की मृत्यु 29 मई 1987 को हुई. हर साल राष्ट्रीय किसान दिवस उनके जन्मदिवस पर मनाया जाता है, यह दिवस विशेषकर उन राज्यों में जो सक्रिय रूप से मनाया जाता है जो खेती से जुड़े है जैसे पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और अन्य.
आरबीआई सहायक मुख्य परीक्षा 2017 के लिए महत्त्वपूर्ण तथ्य-
01.08.2014 को वित्तीय वर्ष 2012-13 में संबंधित राज्यों द्वारा दर्ज किए गए भारत के शीर्ष 10 राज्य को कृषि की विकास दर के मानदंड सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) पर स्थान दिया गया है:- मध्य प्रदेश, झारखंड, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, असम, नागालैंड, उत्तर प्रदेश और मेघालय. इस प्रकार, मध्य प्रदेश में कृषि जीएसडीपी का उच्चतम विकास दर था और वह भारत के विभिन्न राज्यों के बीच शीर्ष रैंक पर था.
स्रोत- Community.data.gov.in